पीएम नरेंद्र मोदी ने पेमेंट के कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीके e-RUPI को लॉन्च किया. इसके जरिए लाभार्थियों को सीधे फायदा पहुंचेगा.
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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पेमेंट के कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीके e-RUPI को लॉन्च किया. e-RUPI डिजिटल भुगतान का प्लेटफॉर्म है. इसके जरिए लाभार्थियों को सीधे फायदा पहुंचेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि e-RUPI वाउचर भी सफलता के नए अध्याय लिखेगा. इसमें हमारे बैंकों और पेमेंट गेटवे की बहुत बड़ी भूमिका है. हमारे सैंकड़ों प्राइवेट अस्पतालों, कॉर्पोरेट्स, उद्योग जगत, NGOs और दूसरे संस्थानों ने भी इसको लेकर बहुत रुचि दिखाई है.'
उन्होंने कहा, 'देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए जो काम पिछले 6-7 वर्षों में हुआ है, उसका लोहा आज दुनिया मान रही है. विशेषकर भारत में फिनटेक का बहुत बड़ा आधार तैयार हुआ है. ऐसा आधार तो बड़े-बड़े देशों में भी नहीं है.'
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की. आज देश के छोटे-बड़े शहरों में, 23 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है. इसी कोरोना काल में करीब-करीब 2,300 करोड़ रुपये उन्हें दिए गए हैं.'
उन्होंने कहा, 'भारत का रुपये कार्ड भी देश का गौरव बढ़ा रहा है. सिंगापुर और भूटान में भी इसे लॉन्च किया जा चुका है. आज देश में 66 करोड़ रुपये कार्ड हैं और देश में हजारों करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन रुपये कार्ड से भी हो रहा है. हर महीने UPI ट्रान्जेक्शन के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. जुलाई महीनें में 300 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन UPI से हुए हैं, जिसमें 6 लाख करोड़ रूपये का लेनदेन हुआ है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में पहुंचाए गए हैं. इस बार किसानों से जो गेहूं की सरकारी खरीद हुई है, उसका करीब 85,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया है.'
उन्होंने कहा, 'अगर सरकार द्वारा किताबों के लिए पैसा भेजा गया है, तो e-RUPI सुनिश्चित करेगा कि किताबें ही खरीदी जाएं. यूनीफॉर्म के लिए पैसे भेजे गए हैं, तो उसी के उपयोग में खर्च हो, यदि खाद के लिए पैसे भेजे गए हैं, तो उसमें ही खर्च किए जाएं.'
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'समय के साथ-साथ e-RUPI में और भी चीजें जुड़ती जाएंगी. जैसे कोई किसी के इलाज में खर्च करना चाहता है, कोई टीबी के मरीज को सही दवाओं और भोजन के लिए आर्थिक मदद देना चाहता है, या फिर बच्चों को भोजन और पर्यावरण से जुड़ी सुविधाएं पहुंचाना चाहता है तो e-RUPI उनके के लिए बहुत सहयोगी होगा.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज देश डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है. e- RUPI वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है.'
पीएम ने कहा, 'भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि technology को adopt करने में, उससे जुडने में वो किसी से भी पीछे नहीं हैं. Innovations की बात हो, service डिलीवरी में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है.'
प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'पहले हमारे देश में कुछ लोग कहते थे कि technology तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम? जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खड़ा करते थे.'
उन्होंने कहा, 'आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है, और गलत भी साबित किया है. आज देश की सोच अलग है, नई है. आज हम टेक्नोलॉजी को गरीबों की मदद के, उनकी प्रगति के एक टूल के रूप में देख रहे हैं.'
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'eRUPI, एक तरह से Person के साथ-साथ Purpose Specific भी है. जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये eRUPI सुनिश्चित करने वाला है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय eRUPI दे पाएगा. इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है.'
उन्होंने कहा, 'आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है. eRUPI वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है. इससे Targeted, Transparent और Leakage Free Delivery में सभी को बड़ी मदद मिलेगी.'
जानकारी के मुताबिक ई-वाउचर के रुप में मोबाइल पर QR कोड या sms मिलेगा. कई सरकारी योजनाओं में होगा e-RUPI का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे कैश लेनदेन घटेगा और मध्यस्थ की भूमिका खत्म होगी.
- पेमेंट का कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका
- QR code या SMS स्ट्रिंग आधारित ई-वाउचर
- लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है e-RUPI
- वाउचर रिडीम के लिए कार्ड, ऐप या ई-बैंकिंग की ज़रूरत नहीं
- नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने डेवलप किया
- वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सहयोग
- ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान बनाना लक्ष्य
- ऑनलाइन पेमेंट को सुरक्षित बनाने का उद्देश्य
- कार्ड, एप या इंटरनेट बैंकिंग की ज़रूरत नहीं
- बिना फिजिकल इंटरफेस के ट्रांज़ेक्शन
- लेनदेन पूरा होने के बाद ही भुगतान
- किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना भुगतान
- भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में अहम कदम
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