प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी एशिया के 3 देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को इंडोनिशया की राजधानी जकार्ता पहुंचे.
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जकार्ताः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी एशिया के 3 देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को इंडोनिशया की राजधानी जकार्ता पहुंचे. पूर्वी एशिया में गतिविधियां बढ़ाने की भारत की नीति को बल देने के लिए मोदी इस यात्रा के दौरान मलेशिया व सिंगापुर भी जाएंगे. इंडोनेशिया की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे मोदी बुधवार को यहां राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात करेंगे और व्यापार व निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करेंगे. दोनों नेता कई कार्यक्रमों में साथ साथ भाग लेंगे जिनमें सीईओ बिजनेस फोरम की बैठक भी शामिल है. मोदी का यहां पहुंचने पर समारोहपूर्वक भव्य स्वागत किया गया.
मोदी ने यात्रा की पूर्व संध्या पर कल कहा , ‘‘ प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरी पहली इंडोनेशिया यात्रा है. राष्ट्रपति विडोडो के साथ 30 मई को विचार - विमर्श होगा.
साथ ही भारत - इंडोनेशिया सीईओ बिजनेस फोरम में हमारा संयुक्त वार्तालाप होगा. मैं इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करूंगा. ’’ उन्होंने कहा कि भारत व इंडोनेशिया के बीच मजबूत व दोस्ताना संबंध हैं और उनके एतिहासिक व प्राचीन संबंध रहे हैं.
Landed in Jakarta. India and Indonesia are friendly maritime neighbours with deep civilisational links. This visit will further the convergence of our political, economic and strategic interests. pic.twitter.com/5e0rSScAkh
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2018
उन्होंने कहा कि 31 मई को सिंगापुर जाते समय वह थोड़े समय के लिए मलेशिया में रूकेंगे जहां मलेशिया के नये नेतृत्व को बधाई देंगे और प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे. सिंगापुर में वह वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन शांगरी ला वार्ता को एक जून को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा , ‘‘ पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा. क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर यह भारत के विचारों को व्यक्त करने का अवसर होगा. ’’
प्रधानमंत्री एक जून को सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात करेंगे और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. दो जून को क्लीफोर्ड पियर में एक पट्टिका का अनावरण करेंगे जहां 27 मार्च 1948 को महात्मा गांधी की अस्थियों का विसर्जन किया गया था.
(इनपुट भाषा से)