राजनाथ सिंह सभी पक्षों से वार्ता के लिए तैयार, कहा- कश्मीर मसला हल करना चाहती है केंद्र
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राजनाथ सिंह सभी पक्षों से वार्ता के लिए तैयार, कहा- कश्मीर मसला हल करना चाहती है केंद्र

राजनाथ सिंह श्रीनगर व जम्मू के कई प्रतिनिधिमंडलों से और राज्य के पुलिस जवानों, सीआरपीएफ व बीएसएफ कर्मियों से भी मुलाकात करेंगे.

राजनाथ सिंह के साथ नवनियुक्त केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा व मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी होंगे. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर यात्रा पर जाने से पहले कहा है कि वह खुले दिमाग से कश्मीर दौरे पर जायेंगे. इस दौरान वह बातचीत के इच्छुक हर व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं क्योंकि सरकार राज्य में हर समस्या का समाधान चाहती है. सिंह चार दिवसीय कश्मीर दौरे पर शनिवार (9 सितंबर) को रवाना होंगे. शुक्रवार (8 सितंबर) को यहां एक कार्यक्रम में शिरकत के बाद सिंह ने संवाददाताओं के सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ‘मैं बिल्कुल खुले दिमाग से वहां जा रहा हूं और जो भी मुझसे मिलने आयेगा मैं उससे मिलने के लिये इच्छुक हूं. हम राज्य की समस्याओं का समाधान चाहते हैं.’ 

राजनाथ ने कहा कि सरकार जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर सभी हितधारकों से चर्चा करने को तैयार हैं. राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "मैं व्यक्तिगत तौर पर चाहता हूं कि सभी से बातचीत हो. इसलिए जो भी मुझसे मिलेगा, मैं उससे बात करूंगा." राजनाथ का यह दौरा शनिवार (9 सितंबर) से शुरू होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कश्मीर मुद्दे को हल करने की पूरी मंशा है. राजनाथ सिंह के साथ नवनियुक्त केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा व मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी होंगे. अपने दौरे में राजनाथ सिंह राज्यपाल एन.एन. वोहरा व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात करेंगे. वह प्रधानमंत्री के विकास पैकेज व राज्य की सुरक्षा हालात की भी समीक्षा करेंगे. राजनाथ सिंह श्रीनगर व जम्मू के कई प्रतिनिधिमंडलों से और राज्य के पुलिस जवानों, सीआरपीएफ व बीएसएफ कर्मियों से भी मुलाकात करेंगे.

इस बीच गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक सिंह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात करेंगे. वह कश्मीर के लिये जारी 80 हजार करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत जारी योजनाओं की कार्यप्रगति की समीक्षा करेंगे. साथ ही राज्य में सुरक्षा के सामान्य हालात बहाल करने के लिये किये जा रहे उपायों का भी जायजा लेंगे. अनंतनात में वह आतंकवाद रोधी अभियानों में तैनात राज्य के पुलिसकिर्मयों, सीआरपीएफ और बीएसएफ के जवानों से मिलेंगे. जबकि रविवार (10 सितंबर) को राज्य में सुरक्षा हालात पर प्रस्तावित समीक्षा बैठक में भी वह हिस्सा ले सकते हैं. इस बैठक में मुफ्ती के अलावा कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के आला अधकारी मौजूद रहेंगे. समझा जाता है कि कश्मीर के हालात पर युवाओं के विचार जानने के लिये गृह मंत्री श्रीनगर में छात्रों से भी मुलाकात कर सकते हैं. सोमवार (11 सितंबर) को जम्मू रवाना होने से पहले श्रीनगर में वह एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे. जबकि राजौरी में वह बीएसएफ के कैंप का भी दौरा कर सकते हैं. जम्मू में वह कारोबारियों, विस्थापितों, कश्मीरी पंडितों के अलावा गुज्जर और बक्करवाल समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे.

सिंह का दौरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान के तीन सप्ताह बाद होगा जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान गोली और गाली से नहीं बल्कि कश्मीरियों को गले लगाने से होगा. सिंह खुद गत 19 अगस्त को कह चुके हैं कि कश्मीर समस्या का समाधान साल 2022 तक नक्सलवाद, आतंकवाद और पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद की समस्या का समाधान निकालने से पहले कर लिया जायेगा. इससे पहले सितंबर 2016 में सिंह ने सर्वदलीय प्रतिनिधमंडल के साथ कश्मीर का दौरा किया था और राज्य के विभिन्न सामाजिक संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों से मुलाकात कर कश्मीर समस्या के सर्वमान्य हल पर विचार विमर्श किया था.

इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी अगले सप्ताह जम्मू कश्मीर के दौरे पर जायेगा. इसका मकसद राज्य में मौजूदा हालात पर कांग्रेस की प्रदेश इकाई और समान विचारधारा वाले अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श करना है. इससे पहले पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में नागरिक प्रतिनिधियों के समूह ने गत 17 से 19 अगस्त तक कश्मीर का दौरा कर सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि स्थानीय लोगों के मन में भय, हताशा और अवसाद बढ़ा है. सिन्हा ने कहा था कि उनकी पिछली यात्राओं की तुलना में राज्य के हालात में गिरावट आई है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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