राम माधव ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे राज्य विधानसभा चुनावों में भाग लेंगे या बहिष्कार करेंगे जैसा उन्होंने स्थानीय चुनावों में किया था.
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कठुआ (जम्मू कश्मीर): बीजेपी महासचिव राम माधव ने नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही माधव ने कहा कि उन्हें अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे राज्य विधानसभा चुनावों में भाग लेंगे या बहिष्कार करेंगे जैसा उन्होंने स्थानीय चुनावों में किया था.
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने का कोई प्रस्ताव है, राम माधव ने कहा कि राज्य में राज्यपाल शासन मध्य दिसंबर तक जारी रहेगा और उसके बाद क्या होगा, इस बारे में उस समय चर्चा की जाएगी.
राम माधव ने कहा, 'हम इससे खुश हैं और यही कारण है कि बीजेपी ने कुछ समय के लिए राज्यपाल शासन जारी रखने का फैसला किया है.' वह बीजेपी के नव-निर्वाचित पार्षदों को सम्मानित करने के लिए मंगलवार की रात आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे.
जम्मू-कश्मीर के संविधान के तहत राज्यपाल शासन की अवधि बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है. सूत्रों ने पीटीआई को बताया है कि जब 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन समाप्त हो जाएगा तो केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर सकती है.
'उनके ‘पाखंड’ का खुलासा हो गया है'
माधव ने नेशनल कॉन्फ्रेंस या पीडीपी का नाम लिए बिना कहा कि उनके ‘पाखंड’ का खुलासा हो गया है क्योंकि पहले उन्होंने स्थानीय चुनावों का बहिष्कार किया और अब वे नए चुनावों के लिए विधानसभा को भंग करने पर जोर दे रहे हैं.
उन्होंने कहा,‘एक ओर वे कहते हैं कि वे अनुच्छेद 35 ए की रक्षा के लिए चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे, दूसरी ओर वे विधानसभा भंग करने और नए चुनाव की मांग करते हैं. कल अगर विधानसभा चुनाव होते हैं, तो क्या आप लड़ेंगे या बहिष्कार करेंगे?'
(इनपुट - भाषा)