युवाओं को दिखाना चाहिए महान लोगों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का साहस : भागवत
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युवाओं को दिखाना चाहिए महान लोगों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का साहस : भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि लोग यह चाहते हैं छत्रपति शिवाजी दोबारा जन्म लें लेकिन यह नहीं चाहते हैं कि वह उनके परिवार में जन्म लें क्योंकि किसी घर में कोई शहीद हो यह लोगों को पसंद नहीं. 

फाइल फोटो

बेंगलुरु: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को युवाओं से अपील की कि वे महान लोगों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का साहस दिखाएं न कि सिर्फ खुद को उनकी जयंती और पुण्यतिथि मनाने तक सीमित रखें. भागवत ने कहा, 'महान लोगों की जयंती और पुण्यतिथि बेहद उत्साह से मनाए जाते हैं. इसके अलावा महान लोगों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने से किसी को पीछे नहीं हटना चाहिए.' उन्होंने कन्नड़ में लिखी गई किताब ‘निर्मल्य’ के विमोचन के मौके पर कहा कि लोग यह चाहते हैं छत्रपति शिवाजी दोबारा जन्म लें लेकिन यह नहीं चाहते हैं कि वह उनके परिवार में जन्म लें क्योंकि किसी घर में कोई शहीद हो यह लोगों को पसंद नहीं. 

इस किताब को चंद्रशेखर भंडारी ने लिखा है और यह किताब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक ना कृष्णप्पा की जीवनी है. जिनका निधन 2015 में हो गया था. भागवत ने कृष्णप्पा को एक महान व्यक्ति बताया. हाल ही में भागवत ने संघ की तुलना थेट संतों से की थी. उन्‍होंने कहा था कि संत और संघ, दोनों एक ही सिक्‍के के दो पहलू हैं. उन्‍होंने कहा था कि दोनों का काम लगभग एक जैसा ही है. मोहन भागवत ने यह बयान महाराष्‍ट्र के रत्‍नागिरी के नानीज में दिया था.

इसके साथ ही संघ प्रमुख मोहन भगवत ने संघ पर टिप्‍पणी करते हुए कहा था कि संघ बहुत बड़ी शक्ति है, इसलिए उसकी चार चर्चा देश-विदेश में होती है. उन्‍होंने कहा था कि जिसके लिए यह शक्ति अनुकूल नहीं है, असल में वही संघ पर टिप्‍पणी करता है. 

(इनपुट भाषा से)

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