संजीव चुतुर्वेदी और अंशु गुप्ता को मिला 'मैग्सेसे' पुरस्कार
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संजीव चुतुर्वेदी और अंशु गुप्ता को मिला 'मैग्सेसे' पुरस्कार

व्हिसल ब्लोवर एवं नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी और गैर सरकारी संगठन 'गूंज' के संस्थापक अंशु गुप्ता को सोमवार को 2015 का मैग्सेसे  पुरस्कार प्रदान किया गया। इस मौके पर चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान एशिया में ईमानदार और गंभीर सिविल सेवकों के लिए ‘बड़े पैमाने पर मनोबल बढ़ाने वाला’ होगा। भारतीय वन सेवा के अधिकारी चतुर्वेदी (40) ने मुख्य सतर्कता अधिकारी पद से हटाए जाने के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली में कथित घोटालों की जांच शुरू की थी। उन्होंने यहां फिलीपीन की राजधानी मनीला में पुरस्कार समारोह के दौरान अपने भाषण में कहा कि भारतीय युवक भ्रष्टाचार की समाप्ति चाहते हैं।

मनीला: व्हिसल ब्लोवर एवं नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी और गैर सरकारी संगठन 'गूंज' के संस्थापक अंशु गुप्ता को सोमवार को 2015 का मैग्सेसे  पुरस्कार प्रदान किया गया। इस मौके पर चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान एशिया में ईमानदार और गंभीर सिविल सेवकों के लिए ‘बड़े पैमाने पर मनोबल बढ़ाने वाला’ होगा। भारतीय वन सेवा के अधिकारी चतुर्वेदी (40) ने मुख्य सतर्कता अधिकारी पद से हटाए जाने के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली में कथित घोटालों की जांच शुरू की थी। उन्होंने यहां फिलीपीन की राजधानी मनीला में पुरस्कार समारोह के दौरान अपने भाषण में कहा कि भारतीय युवक भ्रष्टाचार की समाप्ति चाहते हैं।

अभी एम्स में उप सचिव चतुर्वेदी ने कहा कि भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा 15 से 35 साल के बीच की आयु का है। उन्होंने कहा कि उनमें भ्रष्टाचार की समाप्ति तथा शासन और लोक सेवा की पारदर्शी और समान प्रणाली की उत्कंठ इच्छा है। उनका चयन उनकी अनुकरणीय ‘‘ईमानदारी, साहस और सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार की जांच तथा उनका पर्दाफाश करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि यह सम्मान ‘निश्चित रूप से एशिया में हर कहीं ईमानदार और गंभीर सिविल सेवकों के लिए बड़े पैमाने पर मनोबल बढ़ाने वाला होगा। ’ 

उन्होंने कहा, ‘ मैं इस पुरस्कार को प्रसन्नता के साथ स्वीकार करता हूं. लेकिन एक बड़ी जिम्मेदारी का भाव भी है। मैं वादा करता हूं कि मैग्सेसे पुरस्कार विजेताओं के चमकदार समुदाय द्वारा स्थापित मानकों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा।

गुप्ता ने 1999 में 27 साल की उम्र में 'गूंज' संस्था शुरू करने के लिए अपनी कॉपरेरेट नौकरी छोड़ दी थी। उन्होंने  कहा कि यह सम्मान ‘ हल्के में लिए जाने वाले, कई गैर मुद्दों’ तथा ऐसे व्यवहार्य समाधानों की पहचान है जो हमारे बीच मौजूद हैं।’ 

गुप्ता ने कहा, ‘हम दुनिया को नहीं बदलना नहीं चाहते, हम साधारण लोग हैं, हम इसमें पहले सुधार चाहते हैं। हम शिद्दत से महसूस करते हैं कि कहीं, कुछ गलत है।’ उन्होंने कहा,  ' क्योंकि इसके बावजूद कि इस कक्ष में हम सब लोग और दुनिया भर में इसी प्रकार के अन्य कक्षों में लोग इतनी बुद्धि, संसाधान, अच्छे इरादों और कठोर परिश्रम का उपयोग कर रहे हैं ताकि हमारे समाज में सुधार हो लेकिन गरीबी और परेशान करने वाले अन्य मुद्दों का हल नहीं हो रहा है। खाई बढ़ रही है, मुद्दे अधिक जटिल होते जा रहे हैं।’

 

गरीबी को ‘सबसे बड़ी आपदा’ करार देते हुए गुप्ता ने कहा कि यह समय विकास एजेंडा और नीतियां थोपने का नहीं है बल्कि उन लोगों की बातें सुनने का है जो इन फैसलों से प्रभावित होते हैं। गुप्ता ने कहा कि अच्छा करना सामूहिक जिम्मेदारी है। उनका स्वयंसेवी समूह गरीबों को कपड़े तथा महिलाओं को किफायती सैनिटरी पैड मुहैया कराता है। फिलीपीन के राष्ट्रपति बेनिग्नो सिमोन कोजुआंग्को एक्विनो तृतीय ने उन्हें स्वर्ण पदक और 30 हजार डॉलर की राशि प्रदान की। एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाने वाला मैग्सेसे पुरस्कार इस बार कोमाली चांनथावोंग (लाओस), लिगाया फर्नांडो के थू (म्यामां) को भी प्रदान किया गया है। 

 

 

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