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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को रद्द करने का आग्रह करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया। इस कानून से, दो दशक पुरानी कॉलेजियम प्रणाली खत्म हो गई है जिसके तहत उच्च न्यायपालिका के लिए न्यायाधीश खुद ही न्यायाधीशों का चयन कर उनकी नियुक्ति करते थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह ने जब मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई का आग्रह किया तो प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि कोई जल्दी नहीं है। यह सामान्य ढंग से चलेगा। उच्चतम न्यायालय में कल दायर याचिका में एनजेएसी कानून 2014 और संविधान (121वें संशोधन) विधेयक की वैधता और संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी।
कानून को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा मंजूरी दिए जाने के मुश्किल से एक हफ्ते बाद यह याचिका दायर की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष सिंह द्वारा दायर याचिका में कानून और विधेयक को अवैध, मनमाना तथा असंवैधानिक करार दिया गया है।