समझौते की वजह से चीन प्रत्येक वर्ष बाढ़ के समय में 15 मई से 15 अक्टूबर तक हाइड्रोलोजिकल डाटा भारत को उपलब्ध कराएगा.
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किंगदाओ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर यहां मुलाकात की. दोनों नेताओं ने बीजिंग द्वारा नई दिल्ली को ब्रह्मपुत्र नदी के आंकड़े साझा करने और भारत द्वारा चीन को चावल निर्यात करने के समझौतों पर हस्ताक्षर किए. दोनों नेताओं ने अप्रैल में वुहान में हुए महत्वपूर्ण सम्मेलन के बाद भारत-चीन संबंधोंf में हुए विकास को आगे बढ़ाया. शी जिनपिंग और पीएम मोदी 3,448 किलोमीटर लंबे अपने विवादास्पद सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया, "वुहान अनौपचारिक शिखर बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की पैदा हुई सकारात्मक गति को और मजबूत करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात की."
Following PM @narendramodi meeting with Chinese President Xi, two MoUs were signed - Sharing hydrological information of Brahmaputra river by China to India& amendment of Protocol on phytosanitary requirements for exporting rice from India to China to include non-Basmati rice pic.twitter.com/a9dg0Lu4pJ
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) 9 जून 2018
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीन के जल संसाधन मंत्रालय और भारत के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय द्वारा बाढ़ के समय में ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रोलोजिकल सूचना मुहैया कराने के प्रावधान पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया.
समझौते की वजह से चीन प्रत्येक वर्ष बाढ़ के समय में 15 मई से 15 अक्टूबर तक हाइड्रोलोजिकल डाटा भारत को उपलब्ध कराएगा. इस समझौते के तहत बाढ़ का मौसम नहीं होने के बाद भी जलस्तर साझा सहमति स्तर से बढ़ जाने पर भी चीन भारत को हाइड्रोलोजिकल डाटा मुहैया कराएगा.
चीन ने पिछले वर्ष डोकलाम में दोनों सेनाओं के आमने-सामने आ जाने के बाद यह डाटा भारत को मुहैया नहीं कराया था. बयान के अनुसार, भारत से चीन निर्यात किए जाने वाले 2006 के एक प्रोटोकोल में संसोधन कर गैर-बासमती चावल को शामिल किया गया है.