बॉर्डर पर नाकाम पाकिस्तान का नया पैंतरा, भारत को अशांत करने के लिए इस आतंकी संगठन को कर रहा जिंदा
Advertisement

बॉर्डर पर नाकाम पाकिस्तान का नया पैंतरा, भारत को अशांत करने के लिए इस आतंकी संगठन को कर रहा जिंदा

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) एक बार फिर से खालिस्तान मूवमेंट को जिंदा करने की कोशिश में जुटा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में लगातार मुंह की खाने के बाद भारत को अशांत करने के लिए पाकिस्तान नई तरकीब पर काम कर रहा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) एक बार फिर से खालिस्तान मूवमेंट को जिंदा करने की कोशिश में जुटा है. खुफिया एजेंसी की ओर से गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर भारत की चौकसी और भारतीय सेना की ओर से दिए जाने वाले मुंहतोड़ जवाब से पाकिस्तान घबरा गया है. वह चाहकर भी जम्मू कश्मीर सहित देश अन्य हिस्सों में आतंकी भेजकर अपने मंसूबों का पूरा नहीं कर पा रहा है. भारत में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने प्लान बनाया है कि वह पंजाब में लगभग खत्म हो चुके खालिस्तान मूवमेंट को जिंदा कर दे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ISI के अधिकारियों ने हाल ही में खालिस्तान मूवमेंट के कुछ नेताओं से विदेशों में मुलाकात की थी. इस गुप्त मुलाकात में ISI ने खालिस्तान की मांग करने वाले नेताओं को आश्वासन दिया है कि वे दोबारा से भारत को परेशान करें. इसमें पाकिस्तान उसकी हर संभव मदद करेगा.

  1. भारत को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान चल रहा नई चाल
  2. खालिस्तान आंदोलन को फिर से शुरू कराने की तैयारी में पाकिस्तान
  3. खालिस्तान समर्थकों के साथ ISI के अफसरों ने की बैठक

कनाडा में रहते हैं खालिस्तान की मांग करने वाले विद्रोही
सूत्रों के मुताबिक ISI ने खालिस्तान मूवमेंट के नेताओं को आश्वासन दिया है कि वह हथियार, धन और गुप्त सूचनाएं मुहैया कराने में उनकी मदद करेगा. हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस ISI के अफसरों और खालिस्तान मूवमेंट के नेताओं के बीच हुई इस बैठक का नतीजा क्या निकला है. भारत के लिहाज से इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है. खालिस्तान मूवमेंट को लेकर भारत सरकार लंबी लड़ाई लड़ाई लड़ चुकी है.

ये भी पढ़ें: कानपुर रेल हादसे के तार आईएसआई से जुड़े

यूं तो कनाडा में करीब 13 लाख से सिख रहते हैं. यहां के कई इलाके ऐसे हैं जिन्हें देखकर पंजाब के किसी जिले में होने जैसा लगता है. इस आबादी में एक छोटा तबका उन लोगों का भी है, जो भारत के पंजाब प्रांत को अलग देश खालिस्तान बनाने की इच्छा रखते हैं. वे सदैव भारत विरोधी हरकतों में लिप्त रहते हैं. हालांकि ऐसे लोगों की तादाद इतनी कम है कि वे दोबारा से इस आंदोलन को जिंदा नहीं कर पा रहे हैं. अब पाकिस्तान इन्हें उकसा रहा है कि वे दोबारा से भारत को अशांत करें.

ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद देश से उखड़े थे खालिस्तान विद्राहियों के पांव
कनाडा में सिख ना सिर्फ़ एक समुदाय के रूप में बेहद मज़बूत हैं बल्कि देश की राजनीति की दिशा को भी तय कर रहे हैं. कनाडा के सिख समुदाय का एक और तार भी है जो कि उन्हे अलग खालिस्तान की अवधारणा से जोड़ता है. इस समुदाय का एक गुट खुद को खालिस्तान समर्थक कहता है. बताया जाता है कि 1984 में स्वर्ण मंदिर से भिंडरावाले के समर्थक आतंकियों को निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में इसे अंजाम दिया गया था. जिस तरह ऑपरेशन ब्लू स्टार, 1984 के सिख दंगे भारत समेत पूरी दुनिया में सिखों के लिए मुद्दे हैं उसी तरह कनाडा में रह रहे सिखों के लिए भी ये बड़े मुद्दे हैं.

fallback

ये भी पढ़ें: राजस्थान से आईएसआई का एजेंट गिरफ्तार

माना जाता है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने के लिए खालिस्तान के विद्राहियों ने मांट्रियाल से नई दिल्ली जा रहे एयर इंडिया के विमान कनिष्क 23 जून 1985 को हवा में ही बम से उड़ा दिया गया था. हमले में 329 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे. सिख अलगाववादी गुट बब्बर खालसा के सदस्य इस हमले के मुख्य संदिग्धों में शामिल थे. ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद लगभग पूरे भारत से खालिस्तान समर्थकों के पांव उखड़ गए थे. अब भारत को एक बार फिर से अशांत करने के लिए पाकिस्तान खालिस्तान के आतंकियों को उकसा रहा है. 

Trending news