अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी बीजेपी सरकार मंदिर का निर्माण नहीं करवा सकती है.
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नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी बीजेपी सरकार मंदिर का निर्माण नहीं करवा सकती है. सिर्फ उनके जैसे राम भक्त ही मंदिर बनवा पाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने आसाराम और उसके अनुयायियों को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों के पीछे की बड़ी वजह ईसाई धर्म है. पादरियों ने ये बात फैलाई की वे लोगों को ठीक कर सकते हैं. इसी बात को आसाराम और राम रहीम जैसे लोगों ने सीखा और उसे अपनाते हुए लोगों को अपना शिकार बनाया.
RSS-BJP नहीं बनवा सकते राम मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने की मांग को कई बार उठा चुके शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एक बार फिर इस मुद्दे पर बोलते दिखाई दिए. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार की भूमिका को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि, बीजेपी और आरएसएस कहती है कि केंद्र में उनकी सरकार है और वे राम मंदिर जरूर बनवाएंगे. लेकिन संविधान के मुताबिक केंद्र सरकार धर्मनिरपेक्ष होती है. और धर्मनिरपेक्ष सरकार न तो मंदिर बनवा सकती है और न ही गुरुद्वारा या मस्जिद. राम मंदिर का निर्माण हम जैसे राम भक्त ही करवाएंगे.
RSS-BJP tell people that it's their govt in centre&they'll build Ram temple. However, as per the constitution, central govts are secular. A secular govt can't build a temple, mosque or Gurdwara. 'Ram Bhakts', people like us, will build the temple:Shankaracharya Swami Swaroopanand pic.twitter.com/ifeIimP0t5
— ANI (@ANI) April 29, 2018
आसाराम के भक्त अंधे थे
यौन उत्पीड़न मामले में हाल ही में उम्रकैद की सजा पाने वाले आसाराम और उसके भक्तों को लेकर भी शंकराचार्य ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि, भारत के लोगों ने आसाराम को बनाया है. चमत्कारों में विश्वास करते हुए, वे किसी को भी संत मान लेते हैं. ये सब ईसाई धर्म के कारण शुरू हुआ. उनके पादरी ये बात फैलाते हैं कि वे उन्हें ठीक कर सकते हैं. इस प्रवृत्ति को आसाराम और राम रहीम ने भी अपनाया. क्या लोग अंधे थे?
People of India created Asaram. Believing in miracles,they consider anyone a saint. Christianity started this. People of their priests spread word that they healed people. This trend was adopted by people like Asaram&Ram Rahim. Were people blind?:Shankaracharya Swami Swaroopanand pic.twitter.com/XPuvbpnadH
— ANI (@ANI) April 29, 2018
... तब तक पीएम भी नहीं बनवा सकते राम मंदिर
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब शंकराचार्य ने अयोध्या मामले को लेकर बयान दिया हो. इससे पहले उन्होंने राम मंदिर मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही निर्माण कार्य किया जा सकेगा. उन्होंने कहा था कि, स्टे हटाए बगैर कोई भी राम मंदिर नहीं बनवा सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित चाहे कोई भी हो राजनितिक पार्टी या सरकार राम मंदिर नहीं बना सकती. जब फैसला आएगा हम राम मंदिर बनायेंगे, पहले से हवाबाजी करने से क्या लाभ.