Shivpal Yadav: जन्माष्टमी के बधाई संदेश में किसे 'कंस' बता रहे शिवपाल? बोले- अत्याचारियों को मिलती है सजा
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Shivpal Yadav: जन्माष्टमी के बधाई संदेश में किसे 'कंस' बता रहे शिवपाल? बोले- अत्याचारियों को मिलती है सजा

Shivpal janmashtami letter: शिवपाल ने जन्माष्टमी का बधाई संदेश देते हुए एक चिट्ठी शेयर की है और इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने विरोधियों और अत्याचारियों का नाश करने की बात कही है. हालांकि सीधे तौर पर वह किसी का नाम लेने से बचे हैं.

Shivpal Yadav: जन्माष्टमी के बधाई संदेश में किसे 'कंस' बता रहे शिवपाल? बोले- अत्याचारियों को मिलती है सजा

Shivpal vs Akhilesh Yadav: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कांग्रेस में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि सपा ने हमें गठबंधन का साथी नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गए. इसके साथ ही उन्होंने जन्माष्टमी के मौके पर एक ट्वीट के जरिए अखिलेश यादव पर बगैर नाम लिए निशाना साधा है. ट्विटर पर शेयर की गई चिट्ठी में शिवपाल ने कंस का जिक्र किया है जिसनें अपने पिता का अपमान किया. इसके खिलाफ अब शिवपाल अपनी चिट्ठी में यदुवंशियों से आह्वान कर रहे हैं.

किसने किया पिता का अपमान?

शिवपाल ने जन्माष्टमी का बधाई संदेश देते हुए एक चिट्ठी शेयर की है और इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने विरोधियों और अत्याचारियों का नाश करने की बात कही है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा, समाज में जब कोई कंस अपने पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटा देता है तो धर्म की रक्षा के लिए मां यशोदा के लाल श्रीकृष्ण अवतार लेते हैं और अपनी माया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं.

उन्होंने इसके बाद अपने समर्थकों को यदुवंशी कहकर संबोधित किया और चिट्ठी में लिखा कि प्रसपा भी ईश्वर की ओर से रचे गए विधान का नतीजा है. ऐसे में आप सभी भगवान कृष्ण के ध्वजवाहक हैं और उनकी छाया हैं. उन्होंने आगे कहा कि आपके ऊपर भी धर्म की रक्षा की जिम्मेदारी है, ऐसे में सभी लोक कल्याण के लिए काम करें. अब शिवपाल की इस पहेली जैसी चिट्ठी से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वह किसे कंस बता रहे हैं और किन लोगों से धर्म की रक्षा का आह्वान कर रहे हैं.

चाचा-भतीजा में अनबन

शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं. चाचा-भतीजा के बीच 2016 में सपा की सरकार रहते ही अनबन शुरू हुई तो फिर दोनों के रास्ते जुदा जुदा हो गये. शिवपाल ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले चाचा-भतीजा एक मंच पर आ गए. इसके बाद शिवपाल सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए. चुनावी नतीजे आने के बाद ही एक बार फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई. राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल ने अखिलेश की पसंद के उम्मीदवार यशवंत सिन्‍हा का विरोध किया तो सपा ने भी उन्‍हें अलग रास्ता खोजने की नसीहत दी थी.

उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी शिवपाल ने अखिलेश पर पिता के अपमान का आरोप लगाया था. साथ ही एक चिट्ठी लिखकर आह्वान किया था कि अखिलेश अपने पिता मुलायम सिंह यादव को ISI एजेंट बता चुके यशवंत सिन्हा का समर्थन क्यों कर रहे हैं. एक पुराने न्यूज पेपर की कटिंग शेयर करते हुए शिवपाल ने सिन्हा के बयान का जिक्र किया था. 

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