भारत ने विवादित तिराहे में सड़क बनाने से चीनी सेना को रोक दिया था जिसके बाद दोनों देश की सेनाओं के बीच 73 दिन तक गतिरोध बना रहा.
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नई दिल्ली: डोकलाम के पास चीन की तरफ से रक्षा बुनियादी ढांचा विकास करने की रिपोर्टों के बीच सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार (21 फरवरी) को कहा कि डोकलाम के हालात ठीक हैं और परेशान होने का कोई कारण नहीं है. नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने पिछले साल के डोकलाम गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार से चीनी सेना की ‘बार-बार’ घुसपैठ और डोकलाम घटना चीन की बढ़ती दबंगई का एक संकेत है. चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष एडमिरल लांबा ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि डोकलाम में तना-तनी सिलीगुड़ी कॉरिडोर की संवेदनशीलता दिखाती है. कार्यक्रम से इतर रावत से पत्रकारों ने डोकलाम के हालात के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘यह बिल्कुल ठीक है. चिंता करने की कोई बात नहीं है.’
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भारत ने विवादित तिराहे में सड़क बनाने से चीनी सेना को रोक दिया था जिसके बाद दोनों देश की सेनाओं के बीच 73 दिन तक गतिरोध बना रहा. डोकलाम पर भूटान और चीन के बीच विवाद है. यह गतिरोध पिछले साल 28 अगस्त को खत्म हो गया.
पूर्वोत्तर क्षेत्र में कमियों को खत्म करने और सीमा को सुरक्षित करने पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए एडमिरल लांबा ने कहा कि चीन के साथ नक्शे पर विवाद के बावजूद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई दशकों से शांति स्थापित है. उन्होंने कहा, ‘बहरहाल, पीएलए की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा से बार-बार घुसपैठ की घटनाएं और डोकलाम में हाल का गतिरोध चीन की बढ़ती दबंगई का एक संकेत है क्योंकि वह आर्थिक और सैन्य दोनों स्तर पर तेजी से प्रगति कर रहा है. हाल के घटनाक्रम ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर की संवेदनशीलता उजागर कर दी है.’
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नौसेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वोत्तर में अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक बड़ा हिस्सा है और बुनियादी ढांचा, अर्थव्यवस्था एवं संपर्क सुधार कर इस क्षेत्र का समावेश राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था एवं राष्ट्रीय सजगता में किया जाना चाहिए. इस महीने के शुरू में विदेश सचिव विजय गोखले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेना प्रमुख जनरल रावत खामोशी से भूटान गए जहां उन्होंने सरकार के बड़े अधिकारियों के साथ डोकलाम के हालात समेत सामरिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की.
(इनपुट एजेंसी से भी)