MLC चुनाव: नई दोस्ती को और मजबूत करेगी सपा, बसपा के लिए छोड़ेगी एक सीट
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MLC चुनाव: नई दोस्ती को और मजबूत करेगी सपा, बसपा के लिए छोड़ेगी एक सीट

सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि पार्टी विधानपरिषद चुनाव में दो सीटों के बजाय एक ही सीट पर उम्मीदवार खड़ा करेगी और दूसरी सीट पर बसपा का समर्थन करेगी.

सपा चाहती है कि विधानपरिषद में बसपा का एक सदस्य जरूर पहुंचे....(फाइल फोटो)

लखनऊ: अपनी नई दोस्ती को परवान चढ़ाने के लिए सपा ने आगामी विधानपरिषद चुनाव में बसपा को एक सीट पर समर्थन देने का फैसला किया है. सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि पार्टी विधानपरिषद चुनाव में दो सीटों के बजाय एक ही सीट पर उम्मीदवार खड़ा करेगी और दूसरी सीट पर बसपा का समर्थन करेगी.

इस सवाल पर कि क्या सपा गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में जीत दिलाने वाला समर्थन मिलने की एवज में बसपा को एक सीट दे रही है, उन्होंने कहा कि हाल के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की ‘चालबाजी’ की वजह से सपा की तमाम कोशिशों के बावजूद बसपा का प्रत्याशी नहीं जीत सका था. सपा चाहती है कि विधानपरिषद में बसपा का एक सदस्य जरूर पहुंचे. प्रदेश विधानमण्डल के उच्च सदन की 13 सीटों पर आगामी 26 अप्रैल को चुनाव होंगे. परिणाम भी उसी दिन घोषित किये जाएंगे. एक प्रत्याशी को जिताने के लिये प्रथम वरीयता के 29 मतों की जरूरत होगी.

राष्ट्रहित में बीजेपी को रोकना जरूरी: अखिलेश
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि राष्ट्रहित में इस दल को रोकना जरूरी है. अखिलेश ने यहां पार्टी राज्य मुख्यालय में सपा नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक में आरोप लगाया कि बीजेपी समाज में कांटे बोती जा रही है और वह लोकतंत्र के लिए खतरा है. यह पार्टी समाज के भाईचारे को तोड़ने और विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने के साथ-साथ साम्प्रदायिकता की आड़ में वोटों का ध्रुवीकरण करने की साजिश करती है. 

उन्होंने कहा कि किसानों, नौजवानों और अल्पसंख्यकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही बीजेपी को राष्ट्रहित में रोकना जरूरी है. इस काम में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि यहीं से भारत की राजनीतिक दिशा तय होगी.

पार्टी कार्यकर्ताओं को दी बीजेपी से होशियार रहने की हिदायत 
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं को बीजेपी से होशियार रहने और अपनी भाषा तथा व्यवहार में संयम बरतने की हिदायत दी और कहा कि अगर हम सब एकजुट रहेंगे तो आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हरा सकते है. सपा-बसपा के करीब आने को लेकर बीजेपी नेताओं के तल्ख बयानों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि इसे लेकर बीजेपी में बौखलाहट है और वह हमारी तुलना जानवरों से करने लगी है. यह राजनीति में नैतिक मूल्यों की गिरावट का उदाहरण है.

सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि बीजेपी के राज में किसान आत्महत्या कर रहे है. छोटे-छोटे उद्योगधंधे बंद हो गए हैं. जीएसटी ने व्यापार चौपट कर दिया हैं. अर्थव्यवस्था का हाल बुरा है. दस्तकारी को खतरा है. आर्थिक व्यवस्था का कारपोरेट विकल्प नहीं हो सकता है. बेरोजगार नौजवान दर-दर भटकने को मजबूर है.

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