आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने यमुना के डूब क्षेत्र पर पिछले साल उनके एनजीओ आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) की ओर से विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन की अनुमति दिए जाने के लिए सरकार और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) पर ठीकरा फोड़ा.
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नयी दिल्ली: आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने यमुना के डूब क्षेत्र पर पिछले साल उनके एनजीओ आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) की ओर से विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन की अनुमति दिए जाने के लिए मंगलवार (18 अप्रैल) को सरकार और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) पर ठीकरा फोड़ा और कहा कि यदि पर्यावरण को कोई नुकसान पहुंचा है तो इसके लिए सरकार और एनजीटी को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
एओएल के प्रमुख ने कहा कि फाउंडेशन ने एनजीटी सहित सभी संस्थाओं से सभी जरूरी अनुमतियां ले ली थीं और यदि यमुना नदी इतनी ही सुकुमार और पवित्र है तो कार्यक्रम शुरू में ही रोक देना चाहिए था.
एक फेसबुक पोस्ट में रविशंकर ने लिखा, ‘यदि कोई जुर्माना लगाना ही था तो केंद्र एवं राज्य सरकारों और एनजीटी पर ही लगाना चाहिए था, क्योंकि अनुमति उन्होंने ही दी थी. यदि यमुना इतनी ही सुकुमार और पवित्र है तो उन्हें विश्व सांस्कृतिक महोत्सव रोक देना चाहिए था.’
रविशंकर ने एनजीटी पर नैसर्गिक न्याय के सभी सिद्धांतों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा, ‘एक ऐतिहासिक कार्यक्रम, जिसकी सराहना की जानी चाहिए, को अन्यायपूर्ण तरीके से एक अपराध के तौर पर पेश किया जा रहा है.’