डाक टिकट विवाद : काटजू बोले- सरकार का फैसला सही, सत्ता लोलुप महिला थी इंदिरा
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डाक टिकट विवाद : काटजू बोले- सरकार का फैसला सही, सत्ता लोलुप महिला थी इंदिरा

भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट बंद किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्केंडेय काटजू ने सही ठहराया है। काटजू ने अपने ट्वीट में कहा है - 'मैं बीजेपी सरकार का कोई प्रशंसक नहीं हूं लेकिन इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट को बंद करने का सरकार ने जो फैसला लिया है, उसे मैं गलत नहीं मानता।'

डाक टिकट विवाद : काटजू बोले- सरकार का फैसला सही, सत्ता लोलुप महिला थी इंदिरा

नई दिल्ली: भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट बंद किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्केंडेय काटजू ने सही ठहराया है। काटजू ने अपने ट्वीट में कहा है - 'मैं बीजेपी सरकार का कोई प्रशंसक नहीं हूं लेकिन इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट को बंद करने का सरकार ने जो फैसला लिया है, उसे मैं गलत नहीं मानता।'

उन्होंने अपने लिखे ब्लॉग में कहा है कि इंदिरा गांधी सत्ता लोलुप महिला थी, जो सत्ता की खातिर किसी भी हद तक जा सकती थी। काटजू ने कहा कि इंदिरा गांधी कोई सिद्धांत नहीं था, वह सत्तालोभी थीं। ‌1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा चुनावी गड़बड़ियों की दोषी पाए जाने के बाद इंदिरा ने सत्ता पर कब्जा जमाए रखने की लालसा में सभी संस्‍थाओं मसलन संसद, न्यायपालिका और कार्यपालिका आदि को लगभग नष्ट कर दिया। काटजू ने लिखा कि इंदिरा ने फर्जी आपातकाल लगाकार स्वतंत्रता का हनन किया, भारत की अवाम को पीड़ा दी।

काटजू ने लिखा कि जहां तक राजीव गांधी का संबंध है, वर्ष 1984 में सिखों का कत्लेआम उन पर बहुत बड़ा धब्बा है। साथ ही उन्हें शाहबानो मामले में कोर्ट के फैसले को रद्द करने के लिए भी माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने ऐसा केवल अपने मुस्लिम वोट बैंक को बचाने के ‌लिए किया था। काटजू ने ब्लाग में लिखा है कि राजीव ने श्रीलंका में भारतीय सेना को भेजना का मुर्खतापूर्ण फैसला कर अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता ही दिखाई थी। गौर हो कि काटजू इससे पहले भी कई विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में आ चुके हैं।

गौर हो कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट बंद किए जाने के फैसले को लेकर विवाद शुरू हो गया और सरकार ने कहा कि सिर्फ एक ही परिवार को यह सम्मान नहीं मिल सकता वहीं कांग्रेस ने इस कदम को ‘इतिहास का अपमान’ बताते हुए माफी मांगे जाने की मांग की। इस कदम का बचाव करते हुए संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि एक सलाहकार समिति ने अंतर्देशीय पत्रों पर इंदिरा गांधी की तस्वीर के स्थान पर योग की तस्वीर लगाने का सुझाव दिया है। लेकिन अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

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