सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यों से प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम की स्थिति पर मांगा जवाब
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्यों से प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम की स्थिति पर मांगा जवाब

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि वह वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 200 रुपये दे रहा है. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी बढ़ रही है, ऐसे में बुजुर्गों के लिए यह राशि पर्याप्त नहीं है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस बात पर नजर रख रहा है कि बुजुर्गों के लिए क्या किया जा सकता है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण के बारे में पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार की एक याचिका पर शुक्रवार (1 सितंबर) को राज्यों से हर जिले में वृद्धाश्रम की स्थिति के संबंध में जवाब मांगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस बात पर नजर रख रहा है कि बुजुर्गों के लिए क्या किया जा सकता है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘हमें देखना होगा कि वृद्धजन के लिए क्या किया जा सकता है. केंद्र गलत हो सकता है, लेकिन याचिका का उद्देश्य अलग है. राज्यों को प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रमों की स्थिति के संबंध में याचिका पर अपने जवाब देने चाहिएं.’’

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि वह वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 200 रुपये दे रहा है. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी बढ़ रही है, ऐसे में बुजुर्गों के लिए यह राशि पर्याप्त नहीं है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) पिंकी आनंद ने केंद्र की ओर से कहा कि केंद्र सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए नयी नीति ला रही है और पेंशन राशि अलग अलग राज्यों में अलग अलग होती है.

उन्होंने कहा कि 200 रुपये वृद्धावस्था पेंशन सारे देश में एक समान नहीं है. हरियाणा में यह 1600 रुपये थी और पुडुचेरी में यह 60 से 79 साल के लोगों के लिए 2000 रुपये और 80 साल से अधिक आयु के लोगो के लिए 3000 रुपये थी. आनंद ने कहा कि केंद्र इस याचिका को प्रतिकूल नहीं मान रहा है और बुजुर्गों के लिए स्वीकार्य समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है.

कुमार ने कहा कि पेंशन में राष्ट्रीय स्तर पर समानता होनी चाहिए और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ हासिल करने के लिए मानदंड होना चाहिए. पीठ ने तब एएसजी से देश के हर जिले में वृद्धाश्रम की स्थिति के बारे में बताने को कहा. एएसजी पिंकी आनंद ने कहा कि इस तरह के वृद्धाश्रमों का निर्माण करना राज्यों का विषय है और केंद्र इनमें ज्यादा कुछ नहीं कर सकता. तब पीठ ने कहा कि बेहतर होगा कि याचिका पर राज्य अपने जवाब दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करें.

Trending news