आधार की अनिवार्यता मामलाः आज 5 जजों की संवैधानिक पीठ करेगी सुनवाई
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आधार की अनिवार्यता मामलाः आज 5 जजों की संवैधानिक पीठ करेगी सुनवाई

याचिका में पूछा गया है कि क्या आधार किसी व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है.

केंद्र ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आधार को जोडने की अनिवार्यता की समय सीमा बढ़ा दी है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट  में 5 जजों की संवैधानिक पीठ आज आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर सकती है. आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. याचिका में पूछा गया है कि क्या आधार किसी व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की संवैधानिक बेंच सुनवाई करके फैसला सुना सकती है. 

  1. पांच जजों का संविधान पीठ आधार की अनिवार्यता पर सुनवाई करेगी
  2. दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी की बेंच करेगी सुनवाई
  3. 31 मार्च 2018 तक बढ़ाई गई है आधार लिंक की तारीख

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डाटा प्रोटेक्शन पर उठे सवाल
काफी समय से आधार के डेटा लीक होने के मुद्दे को भी याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में उठाया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि अगर मोबाइल, बैंक या चीजों को आधार से लिंक कराया जाता है और इसका डेटा लीक होता है तो इससे आम नागरिक की सुरक्षा पर असर पड़ेगा. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा था कि सरकार ने आधार लिंक की समय सीमा मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है लेकिन इसके बावजूद आधार से संबंधित मुख्य मामले पर शीघ्र सुनवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि उसने यह भी नहीं कहा है कि जो अपने आधार को बैंक खातों या मोबाईल नंबर से नहीं जोड़ना चाहते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.

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31 मार्च 2018 तक बढ़ाई गई आधार लिंक सीमा
इससे पहले नौ जजों के संवैधिनक पीठ ने निजता को एक मौलिक अधिकार बताया था. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने आधार से मोबाइल, बैंक खाते को लिंक कराने की डेडलाइन के फैसले को वापस लिया था. केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था कि जिन लोगों के पास आधार नहीं है, सरकार उनके लिए डेडलाइन 31 दिसंबर 2017 से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है. वेणुगोपाल ने कहा था, ‘‘हमने इसे 31 मार्च, 2018 तक बढाने का फैसला किया है.

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