अथक काम करने के लिए मुझ पर निशाना साधा जाता है : PM मोदी
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अथक काम करने के लिए मुझ पर निशाना साधा जाता है : PM मोदी

अक्सर विदेशी दौरा करने को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आलोचकों की चुटकी लेते हुए कहा कि उनपर ‘अथक’ काम करने के लिए निशाना साधा जाता है और अगर यह ‘अपराध’ है तब वह इसे करना जारी रखेंगे।

अथक काम करने के लिए मुझ पर निशाना साधा जाता है : PM मोदी

शंघाई : अक्सर विदेशी दौरा करने को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आलोचकों की चुटकी लेते हुए कहा कि उनपर ‘अथक’ काम करने के लिए निशाना साधा जाता है और अगर यह ‘अपराध’ है तब वह इसे करना जारी रखेंगे।

जर्मनी, फ्रांस और कनाडा की यात्राओं के दौरान पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करने पर विपक्ष के हमलों का सामना कर रहे मोदी ने कहा, ‘लोग पूछते हैं कि मोदी क्यों इतने देशों की यात्रा कर रहे हैं.. अगर आप कम काम करते हैं तब आलोचना सामान्य बात है। अगर आप सोते रहते हैं तब आलोचना सामान्य बात है। लेकिन मेरी किस्मत खराब है कि मेरी आलोचना अधिक काम करने की वजह से हो रही है।’

चीन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम पड़ाव में यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ‘अगर अधिक काम करना अपराध है, तब मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। मेरी प्रतिबद्धता देश के लोगों के प्रति है।’

शंघाई में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘समय बदल रहा है और दुनिया भारत की ओर अलग नजरिये से देख रही है और यह पिछले एक वर्ष में सरकार के प्रदर्शन के कारण हुआ है जो प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है।’

प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव परिणाम के दिन को याद करते हुए कहा कि तब मैंने तीन संकल्प किये थे.. ‘मैं अथक काम करूंगा, मैं अनुभवहीन हूं इसलिए मैं सीखूंगा और मैं कोई भी काम गलत मंशा से नहीं करूंगा।’ मोदी ने कहा कि उन्होंने तीन प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है।

उन्होंने कहा, ‘पिछले एक वर्ष में मैंने कोई अवकाश नहीं लिया। मैंने दिन रात काम किया है। क्या मैं कहीं छुट्टियों पर गया ? क्या मैंने आराम किया ? क्या मैं अपने वादे पूरे नहीं कर रहा हूं? ’ ‘अवकाश’ का उनका उल्लेख संभवत: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश में छुटिटयों पर जाने के संदर्भ में था जो 56 दिनों के रहस्यमयी अवकाश पर गए थे।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले सप्ताह मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने (मोदी ने) पिछले महीने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधकर विदेशी धरती पर घरेलू राजनीति करने का काम किया है और कनाडा में पूर्व की संप्रग सरकार का गलत संदर्भ में उल्लेख करके ‘नए निम्न स्तर ’ को छू गए हैं।

पिछले एक वर्ष में अपनी सरकार के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने पहले ही वर्ष में काम करना शुरू कर दिया है और ‘पिछले 30 वषरे का काम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए दुनिया ‘मुझपर अधिक भरोसा’ करती है। मोदी यहां भारतीय समुदाय के करीब 5000 लोगों को संबोधित कर रहे थे जो ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगा रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने जो एक वर्ष में बोया है, उसका पोषण करने की जरूरत है। अगर मैंने यह काम पांचवें वर्ष में किया होता तब किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया होता। लेकिन दुनिया हमें गंभीरता से ले रही है क्योंकि मैंने यह काम पहले ही वर्ष में किया है।’ भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने एक और संकल्प का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सीखेंगे। उन्होंने कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद से ही वह ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं और विदेशी दौरे के दौरान भी वह अनुभव एवं विशेषज्ञता को सीखने और भारत में उसका अनुसरण करने का प्रयास कर रहे हैं।

गलत मंशा से कुछ नहीं करने के अपने तीसरे संकल्प के संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘आज भारत से दूर (अपनी सरकार की) पहली सालगिरह के अवसर पर मैं कह सकता हूं कि किसी ने भी हमारे ऊपर गलत मंशा से कोई कदम उठाने का आरोप नहीं लगाया।’ उन्होंने कहा कि उन्हें लोगों के आशीर्वाद की जरूरत है ताकि ‘मैं कोई ऐसी गलती नहीं करूं जिससे मेरे देश को नुकसान हो।’ गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान विदेश मामलों के बारे में उनके अनुभव के संदर्भ में सवाल उठाये जा रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोग मुझसे सवाल करते थे, मोदी कौन है? विदेश नीति के बारे में वह क्या जानते हैं? आरोप सही थे लेकिन आशंकाएं गलत थीं।’ उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के सरकार के कामकाज के चलते भारतीय अब सिर ऊंचा रख सकते हैं।

अपने तीन दिनों की चीन यात्रा की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि इस पर दुनिया की नजर है और वह स्वयं इसका महत्व समझते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इस यात्रा को अलग नजरिये से देखता हूं। इससे एक मजबूत आधारशिला रखी गई है जिससे आने वाले समय में लाभ मिलेगा।’ मोदी ने कहा कि चीन के इतिहास में पहली बार इस देश के राष्ट्रपति ने किसी विदेश नेता की बीजिंग से बाहर मेजबानी की। चीनी राष्ट्रपति शी ने मोदी का अपने गृह नगर शियान में स्वागत किया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह स्वागत मोदी का नहीं था बल्कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का था।’ एशिया के दो बड़े देशों के बीच करीबी सहयोग की वकालत करते हुए मोदी ने कहा, ‘यह नहीं देखें कि भारत को क्या मिला या चीन को क्या हासिल हुआ । दुनिया की एक तिहाई आबादी इन दोनों देशों में बसती है। क्या हमने कभी इस ताकत का एहसास किया ? हमने इसे केवल नजरंदाज किया और अपने आप को गरीब देश माना।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन भारत और चीन आपस में न केवल अपनी मदद कर सकते हैं बल्कि पूरी दुनिया की कर सकते हैं। एक तरफ दुनिया की एक तिहाई आबादी और दूसरी तरफ शेष दुनिया।’

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