सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने आज पाकिस्तान जाएंगे राजनाथ, राष्ट्रपति जैसी होगी सुरक्षा
Advertisement

सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने आज पाकिस्तान जाएंगे राजनाथ, राष्ट्रपति जैसी होगी सुरक्षा

गृह मंत्री राजनाथ सिंह लश्कर-ए-तोएबा के संस्थापक हाफिज सईद की चेतावनी के बावजूद दक्षेस (सार्क) देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को पाकिस्तान जाएंगे। खुफिया सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि राजनाथ सिंह के ऊपर पाकिस्‍तान में खतरा है।

 

सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने आज पाकिस्तान जाएंगे राजनाथ, राष्ट्रपति जैसी होगी सुरक्षा

नई दिल्‍ली : गृह मंत्री राजनाथ सिंह लश्कर-ए-तोएबा के संस्थापक हाफिज सईद की चेतावनी के बावजूद दक्षेस (सार्क) देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को पाकिस्तान जाएंगे। खुफिया सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि राजनाथ सिंह के ऊपर पाकिस्‍तान में खतरा है। राजनाथ की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए पाकिस्तान ने उन्हें तीन लेयर की सुरक्षा देने का फैसला किया है। यही नहीं, गृह मंत्री की सुरक्षा में अन्य सुरक्षाबलों के अलावा 200 कमांडों तैनात रहेंगे।

पाकिस्‍तान दौरे के समय संभावित खतरे के मद्देनजर राजनाथ सिंह की सुरक्षा को लेकर भारत ने चिंता जताई है। भारत ने राजनाथ से जुड़ी सुरक्षा चिंताएं पाकिस्‍तान को बताईं हैं। बताया जा रहा है कि पाक में आतंकी संगठनों से राजनाथ को खतरा है और आतंकी गुट हमला कर सकते हैं।  

दूसरी ओर, आतंकी गुटों की चेतावनी और विरोध को देखते हुए मामले को पाकिस्तान सरकार ने गंभीरता से लिया है। नवाज शरीफ सरकार ने सार्क बैठक में शामिल होने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर इस्लामाबाद आ रहे राजनाथ सिंह को 'राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा' देने का निर्णय लिया है। इसका मतलब यह है कि राजनाथ सिंह की सुरक्षा में पाक के उच्च सुरक्षा दस्ते के कमांडो समेत लगभग 200 जवान तैनात रहेंगे। बताया जा रहा है कि नवाज शरीफ की अध्यक्षता में सुरक्षा के मद्देनजर हुई एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया।

माना जा रहा है कि दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में सिंह इस्लामाबाद से कहेंगे कि वह भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करे। गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया था कि दक्षेस बैठक एक बहुपक्षीय बैठक है। इसकी कुछ प्रतिबद्धताएं हैं। वह कोई संदेश देने या पाकिस्तानी गृह मंत्री से अलग से मुलाकात करने नहीं जा रहे हैं। संवाददाताओं ने उनसे गृह मंत्री के दौरे को लेकर लश्कर ए तैयबा के संस्थापक द्वारा दी गई चेतावनियों के बारे में पूछा था। सईद ने चेतावनी दी है कि अगर सिंह दक्षेस मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद आते हैं तो उसका संगठन पाकिस्तान भर में विरोध प्रदर्शन करेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिंह की अपने पाकिस्तानी समकक्ष चौधरी निसार अली खान के साथ अलग से मुलाकात होने की संभावना नहीं है क्योंकि सरकार के शीर्ष नेताओं को लगता है कि यह द्विपक्षीय मुलाकात के लिए अनुकूल समय नहीं है। बहरहाल, समझा जाता है कि गृह मंत्री दक्षेस बैठक में अपने संबोधन में भारत में सक्रिय आतंकी समूहों को पाकिस्तान के समर्थन का मुद्दा उठाएंगे और इस्लामाबाद से उसके यहां स्थित लश्कर-ए-तोएबा, जैश-ए-मोहम्मद तथा अन्य आतंकी गुटों पर अंकुश लगाने के लिए कहेंगे।

सिंह का इस्लामाबाद दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत पाक संबंधों में तनाव व्याप्त है। जम्मू कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत होने के बाद कश्मीर में उत्पन्न हिंसा को लेकर पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भड़काउ बयानों के मद्देनजर दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है। वानी प्रतिबंधित आतंकी गुट हिजबुल मुजाहिदीन का वांछित आतंकी था। शरीफ ने न केवल उसकी तारीफ की बल्कि यह भी कहा कि कश्मीर एक दिन पाकिस्तान का होगा। इस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कड़ी प्रतिकिया में कहा कि राज्य को अपने देश का हिस्सा बनाने का उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा।

गृह मंत्री बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचेंगे और दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की सातवीं बैठक में हिस्सा लेने के बाद अगले दिन नई दिल्ली लौट आएंगे।

 

Trending news