केंद्रीय मंत्री नकवी बोले, 'मुसलमान चाहते हैं राम मंदिर का दोस्ताना हल'
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केंद्रीय मंत्री नकवी बोले, 'मुसलमान चाहते हैं राम मंदिर का दोस्ताना हल'

अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की कई बीजेपी नेताओं की मांग के बीच नकवी ने ''प्रतीक्षा करो और देखो'' की नीति अपनाने की अपील की.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिका से लेकर अरब तक मोदी के सक्षम नेतृत्व को स्वीकार किया जा रहा है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए लगातार सामने आ रहे बयानों में अब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का भी नाम जुड़ गया है. केंद्रीय मंत्री नकवी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली 'टकराव की भावना' नहीं होती है. 

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने विपक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि बीजेपी और इसके हिंदुत्ववादी सहयोगी अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले जानबूझकर राम मंदिर का मुद्दा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भी राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के घोषणा-पत्र में शामिल था. 

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राम मंदिर पर केंद्र सरकार के फैसले के साथ रहूंगा- मुख्तार अब्बास नकवी 
अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की कई बीजेपी नेताओं की मांग के बीच नकवी ने ''प्रतीक्षा करो और देखो'' की नीति अपनाने की अपील की और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है. नकवी ने एक इंटरव्यू में कहा, ''सरकार का जो रुख होगा, वही मेरा भी रुख होगा. सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है.'' उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए.

आम मुसलमान में नहीं है टकराव की भावना- केंद्रीय मंत्री
यह पूछे जाने पर कि इस विवादित मुद्दे को मुस्लिम समुदाय किस तरह देखता है, इस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, ''एक आम मुसलमान अमन-चैन और दोस्ताना हल चाहता है. एक आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली टकराव की भावना नहीं होती.'' मंदिर के मुद्दे पर मुस्लिमों की तरफ से कोई प्रतिकूल बयान नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा, ''मुस्लिम समुदाय बहुत ही शांतिप्रिय समुदाय है. वह खुद को किसी विध्वंसक एजेंडा में शामिल नहीं करना चाहता.'' 

जल्द समाधान न होने से लोग रख रहे हैं अपनी मांगें
उन्होंने कहा, ''कुछ लोग, कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने हित के लिए लोगों को उकसाने की कोशिश कर सकती हैं. लिहाजा, लोगों को लगता है कि इसका शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए और यह (मामला) खत्म होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि यह मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है और इससे जुड़े संगठनों को लगा था कि रोजाना सुनवाई होगी और मामले का समाधान जल्द हो जाएगा. लेकिन, ऐसा नहीं होने के कारण वे अपनी मांगें रख रहे हैं. नकवी ने कहा, ''लोगों की अपनी भावनाएं हैं और एक लोकतंत्र में उनकी अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते. यह सिर्फ संयोग है कि चुनावों से पहले यह हुआ. वरना, यह तो पुराना मुद्दा है.'' 

पीएम मोदी के लिए देश के मुस्लिम वोटरों का रवैया बदला
नकवी ने दावा किया कि मुस्लिम वोटरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए समर्थन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के साढ़े चार साल के शासन में उनकी मानसिकता और रवैये में काफी बदलाव आया है और वे ''काफी सकारात्मक'' हो गए हैं. केंद्र सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री ने कहा, ''उन्होंने (मुस्लिमों ने) देखा है कि (मोदी का) विकास का एजेंडा किसी भेदभाव या राजनीतिक शोषण से बहुत दूर है.'' साल 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले अब मुस्लिमों में प्रधानमंत्री की छवि के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा कि उनके काम के कारण यह ''बहुत सकारात्मक और रचनात्मक'' है.

अमेरिका से अरब तक बढ़ी है पीएम मोदी की स्वीकार्यता- नकवी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''अमेरिका से लेकर अरब तक मोदी के सक्षम नेतृत्व को स्वीकार किया जा रहा है. हर भारतीय सोचता है कि मोदी देश की जरूरत हैं.'' उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में एक भी बड़ा दंगा या कोई आतंकवादी वारदात नहीं हुई है. नकवी ने दावा किया कि समाज का कोई तबका नहीं कह सकता कि विकास में कोई भेदभाव हुआ है. उन्होंने दावा किया कि समाज के हर वर्गों में प्रगति हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली सरकारों में करीब 5,000 दंगों की लंबी सूची है.

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विपक्षी पार्टियां कर रही हैं अल्पसंख्यकों का राजनीतिक दोहन
भीड़-हत्या (मॉब लिंचिंग) के मामलों पर उन्होंने कहा कि यह घटनाएं नहीं होनी चाहिए थीं, बहरहाल, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अल्पसंख्यकों को ''गैर-जरूरी मुद्दों'' में उलझाए रखकर उनका कथित राजनीतिक दोहन करने के लिए विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि देश में असहिष्णुता है और अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम या कोई वोटर किसी पार्टी का ''बंधुआ मजदूर'' नहीं है और उन्होंने सरकार के गुण-दोषों के आधार पर सोचना शुरू कर दिया है.

लोगों की संवेदनाएं देख बदले जगहों का नाम
नकवी ने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा कुछ जगहों के नाम बदले जाने का भी समर्थन किया और कहा कि आजादी के बाद से ऐतिहासिक एवं धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण शहरों के नाम बदलने की बात होती रही है. उन्होंने कहा, ''लोगों की संवेदनाएं देखते हुए नामों को बदले जाने में कुछ गलत नहीं है. जब मायावती मुख्यमंत्री थीं तो, उन्होंने कई जिलों के नाम बदले थे. दूसरी सरकारें भी ऐसा करती रहती हैं.'' उत्तर प्रदेश के रहने वाले नकवी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी पार्टियों की ओर से बनाया जा रहा 'महागठबंधन' नाकाम हो जाएगा, क्योंकि आम चुनावों में ''दो और दो चार नहीं होते.'' 

विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन है 'दर्जनों दूल्हों की बारात'
उन्होंने कहा, ''यह इतना आसान नहीं है कि इन पार्टियों के वोट प्रतिशत जुड़ जाएं. मतदाता स्थानांतरित किए जाने जैसी चीज नहीं है. महागठबंधन के पास न कोई नीति है और न कोई एजेंडा है. यह 'मोदी हटाओ, हमें कुर्सी पे लाओ' का न्यूनतम साझा कार्यक्रम भर है.'' नकवी ने कहा कि बीजेपी मोदी के सुशासन, प्रदर्शन और समावेशी विकास के आधार पर अगले साल के लोकसभा चुनावों में 2014 के चुनावों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी. विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा कि यह ''दर्जनों दूल्हों के साथ आई बैंड, बाजा और बारात'' है. उन्होंने कहा, ''हमें पता ही नहीं कि इसकी अगुवाई कौन कर रहा है. इसमें हर कोई पीएम पद का उम्मीदवार है.'' 

(इनपुट भाषा से)

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