Hathras News: आंगनबाड़ी में आम बच्चों की तरह पढ़ता है हाथरस DM का बेटा, नायाब मिसाल की हर कोई कर रहा तारीफ
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Hathras News: आंगनबाड़ी में आम बच्चों की तरह पढ़ता है हाथरस DM का बेटा, नायाब मिसाल की हर कोई कर रहा तारीफ

Hathras News;  हाथरस की डीएम अर्चना वर्मा ने सरकारी अफसर और कर्मचारियों के के साथ-साथ आम लोगों के लिए मिसाल पेश की है. उन्होंने अपने बेटे का एडमिशन आंगनबाड़ी केंद्र में कराया है. जहां वह आम बच्चों की तरह पढ़ता और खेलता है.

Hathras News: आंगनबाड़ी में आम बच्चों की तरह पढ़ता है हाथरस DM का बेटा, नायाब मिसाल की हर कोई कर रहा तारीफ

प्रमोद कुमार/हाथरस: हाथरस जिले की डीएम अर्चना वर्मा सरकारी अफसर और कर्मचारियों के के साथ-साथ आम लोगों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है. इन तस्वीरों को देखकर एक बार आप सोचने के लिए जरूर मजबूर होंगे, क्योंकि ऐसा देखने को कभी नहीं मिलता है, हर अधिकारी अपने बच्चों को बड़े कान्वेंट स्कूल में तालीम देना चाहता है मगर हाथरस की डीएम ने जो किया है वह वास्तविक तारीफ ए काबिल है, इस बात को हम इसलिए कह रहे हैं कि डीएम ने अपने बेटे का दाखिला किसी बड़े नर्सरी स्कूल की जगह आवास के पास में बने आंगनबाड़ी केंद्र में कराया है. 

स्कूल में आम बच्चों जैसा होता है व्यवहार
खास बात यह भी है कि डीएम का बच्चा आम बच्चों की तरह वहां पढ़ता है और सभी बच्चों के साथ बैठकर जमीन पर खाना खाता है. डीएम अर्चना वर्मा के इस कदम ने सभी को चौका के रख दिया है. इतना ही नहीं डीएम के बच्चे की तस्वीर लोग सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल कर रहे हैं. हाथरस की डीएम अर्चना वर्मा को एक बेटी और एक सवा दो साल का बेटा है. उन्होंने अपने बेटे अभिजीत का दाखिल किसी बड़े प्ले ग्रुप या किसी इंटरनेशनल स्कूल में करना उचित नहीं समझा, बल्कि उन्होंने अपने आवास से चंद्र कदम की दूरी पर गांव दर्शना के आंगनबाड़ी केन्द्र में एडमिशन कराया है. 

मिडे मील का करता है भोजन
डीएम का बेटा अभिजीत रोज गांव के ही आम बच्चों के साथ कई घंटे तालीम हासिल करता है. और बच्चों के साथ कतार में बैठकर आंगनबाड़ी में मिलने वाले मिड डे मील यानी भोजन भी करता है. सभी बच्चों के साथ स्कूल कैंपस में खेलता कूदता भी है. इतना ही नहीं इस आंगनवाड़ी केंद्र में डीएम के बच्चे के साथ-साथ सभी बच्चों के साथ एक समान व्यवहार किया जाता है. 

बच्चे को देखने आती हैं महिलाएं
इस आंगनवाड़ी केंद्र में इन टोटल 34 बच्चे शिक्षा हासिल करने के लिए आते हैं. अब इस आंगनवाड़ी केंद्र में डीएम के बच्चे के एडमिशन के बाद लगातार बच्चों की संख्या बढ़ती हुई नजर आ रही है. गांव की तमाम महिलाएं डीएम के बच्चे को देखने के लिए स्कूल में आती हैं, लोग तो यह भी कहते हैं DM हो तो ऐसा हो. 

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