UP Uttarakhand Weather Alert : यूपी और उत्तराखंड में मानसून सितंबर में क्यों कहर बरपा रहा है. मौसम विज्ञानियों ने इसकी खास वजह बताई है.
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Monsoon Last date : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 37 से ज्यादा जिले कुछ दिनों पहले तक सूखे के संकट की आशंका में जी रहे थे. लेकिन जाते-जाते मानसून (Monsoon Rain) ने ऐसी पलटी मारी कि अब प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश अब आफत बन चुकी है. शुक्रवार को भी लखनऊ, मथुरा-आगरा समेत तमाम जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग की ओर से जारी किया गया है. नोएडा, गाजियाबाद समेत दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. कई कंपनियों ने कर्मचारियों को घरों से ही काम करने को कहा है. इस बीच मौसम विज्ञानियों ने बताया है कि मानसून का ये कहर 25 सितंबर तक जारी रह सकता है.
यूपी के बाराबंकी, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, आगरा-मथुरा जैसे जिलों में मानसून का कहर देखने को मिल रहा है. फिरोजाबाद के कई इलाकों में कारें बाढ़ जैसी बारिश में पूरी तरह डूबी नजर आईं. उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ़, देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग में भी मानसून का कहर देखने को मिला है.
अभी तीन दिन और आफत
मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामनि का कहना है कि मानसून सीजन में कभी कभी सितंबर के अंत में बारिश की गतिविधियां तेज हो जाती हैं. अभी 25 सितंबर तक ये दौर चलेगा. 23 को कुछ राहत के बाद 24 और 25 सितंबर को बारिश का दौर और तेज हो सकता है. यूपी और उत्तराखंड में सूखे की आशंका को उलटते हुए अचानक तेज बारिश के दौर पर जेनामनि ने कहा कि मानसून एक्टिविटी मंथ टू मंथ वीक टू वीक बदलती है.पहले जून जुलाई अगस्त में वर्षा कम दबाव के क्षेत्र हो या अन्य कारणों से देखने को मिल रही थी.
मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात-राजस्थान तक इसके चक्र का अंत हो जाता था.अभी मानसून का सेकेंड सिस्टम यूपी के अंदर चल रहा है. सितंबर में 15-18 के बीच बने लखनऊ में बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले थे. ऐसा कभी कभी होता है, एकदम से मानसून सुस्त पड़ जाता है और फिर बेहद सक्रिय हो जाता है. यही कारण है कि जहां कुछ दिनों पहले तक उत्तर प्रदेश के कई जिले खासकर पूर्वांचल में सूखे की आशंका थी. बारिश 47 फीसदी के आसपास थी, वो अब बारिश के सामान्य अनुमान के आसपास पहुंच गई है.
मानसून के दिन घटे पर तीव्रता बढ़ी
मानसून के तहत बारिश के दिन घट रहे हैं, लेकिन उसकी तीव्रता बढ़ रही है. यही वजह है कि कुछ दिनों तक बारिश एकदम नहीं होती है और फिर तेज बारिश का दौर देखने को मिलता है. दिल्ली में कभी बारिश के कुल दिन 70 के आसपास रह गए हैं, जो कभी 90 दिन तक हुआ करते थे. यही कारण है कि एक और ड्राई डेज बढ़ रहे हैं और भारी बारिश वाले दिनों की संख्या बढ़ रही है. ग्लोबल वार्मिंग और अन्य कारणों का असर भी मानसून साइकल पर दिख रहा है.
फिरोजाबाद-एटा में मूसलाधार बारिश
यूपी के फ़िरोज़ाबाद जिले में भारी बारिश के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है. एटा में मूसलाधार बारिश के बाद आकाशीय बिजली गिरी. एटा थाना कोतवाली देहात क्षेत्र मैं मूसलाधार बारिश के चलते एक मकान पर आकाशीय बिजली गिर गई जिससे मकान फट गया.बलरामपुर जिले में रोज़ाना हो रही बारिश और आसमान में कड़कती बिजली गुरुवार को एक परिवार के लिए आफ़त बन गई. तालाब में मछली का शिकार करने गए दो बच्चों पर दोपहर के वक्त आसमानी बिजली गिर गई. इस एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
कासगंज में ट्रेन रूट प्रभावित
कासगंज में हो रही मूसलाधार बारिश से रेलवे का अंडर पास धंस गया है.रेलवे अंडरपास के बगल में बना रेलवे ट्रैक भी धंस गया है. इस रेल मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.रेलवे यार्ड में पानी भरने से काफी देर तक सिग्नल बाधित रहे. एटा जनपद में पिछले 2 दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते एटा शहर के प्रमुख बाजार घंटाघर,बाबूगंज , गांधी मार्केट सहित सरकारी दफ्तर भी जलमग्न हो गए.
इटावा-जालौन में कहर
इटावा जनपद में लगातार बारिश से कई हादसों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. चंद्रपुरा में जहां पर दीवार गिर जाने से 4 मासूम बच्चो की दर्दनाक मौत हो गई. आगरा का भी यही हाल है. जालौन में बारिश के चलते 2 मंजिला इमारत भर भराकर गिर गई. 72 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश जिले में हो रही है. औरैया जिले में भी हो रही लगातार बारिश के चलते फायर बिग्रेड की दीवार गिर जाने से तालाब का पानी फायर बिग्रेड स्टेशन के अंदर बुरी तरह से भर गया. स्टेशन से सभी फायर की गाड़ियों को बाहर निकाला गया.