फूड पार्क को लेकर संसद में हंगामा, कांग्रेस ने आसन की निष्पक्षता पर उठाया सवाल, फिर जताया खेद
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फूड पार्क को लेकर संसद में हंगामा, कांग्रेस ने आसन की निष्पक्षता पर उठाया सवाल, फिर जताया खेद

अमेठी में फूड पार्क के मुद्दे को लेकर आज कांग्रेसी सदस्यों ने आक्रोशित स्वर में लोकसभा में अध्यक्ष की निष्पक्षता को लेकर चिंता जतायी जिसका सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया और सरकार ने पुरजोर शब्दों में कहा कि अध्यक्ष को इस प्रकार से धमकाया नहीं जा सकता। इस मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार 15-15 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी।

फूड पार्क को लेकर संसद में हंगामा, कांग्रेस ने आसन की निष्पक्षता पर उठाया सवाल, फिर जताया खेद

नई दिल्ली  : अमेठी में फूड पार्क के मुद्दे को लेकर आज कांग्रेसी सदस्यों ने आक्रोशित स्वर में लोकसभा में अध्यक्ष की निष्पक्षता को लेकर चिंता जतायी जिसका सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया और सरकार ने पुरजोर शब्दों में कहा कि अध्यक्ष को इस प्रकार से धमकाया नहीं जा सकता। इस मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार 15-15 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी।

खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर द्वारा पिछले सप्ताह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में फूड पार्क को रद्द किए जाने का मुद्दा उठाए जाने के संबंध में बयान दिए जाने के बाद आज सदन में हंगामा शुरू हुआ।

सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही मंत्री द्वारा बयान दिए जाने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने यह मामला उठाया और एक ही मुद्दे पर केंद्रीय मंत्रियों द्वारा पांच बार हस्तक्षेप की आसन द्वारा अनुमति दिए जाने पर सवाल उठाया। कांग्रेस सदस्यों का कहना था कि आसन द्वारा उन्हें कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस पर अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी जा रही है जबकि मंत्री एक ही विषय पर पांच बार बोल रहे हैं।

दीपेन्द्र हुड्डा ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि आसन एक ही मुद्दे को बार बार उठाने की अनुमति नहीं दे सकता लेकिन इस मामले में आसन ने पांच बार खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस मामले में पांच बार हस्तक्षेप करने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक न्याय और लोकतंत्र के खिलाफ है और ऐसा विपक्ष की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘ यह कोई निजी आरोप नहीं है। हमारा मानना है कि आसन निष्पक्ष नहीं है।’

अध्यक्ष ने उनके इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि यदि सदन की कार्यवाही के रिकार्ड में यह पांच बार नहीं हुआ तो क्या आप लोग कुछ कहेंगे। उन्होंने नाराजगी के साथ कहा, ‘ अगर आप मुझे अध्यक्ष नहीं चाहते हैं तो फिर मुझे कुछ नहीं कहना।’ इससे पूर्व एक बार के स्थगन के बाद साढ़े 11 बजे बैठक फिर से शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने काफी आक्रोशित स्वर में कहा कि किस नियम के तहत मंत्रियों को बार बार एक ही बयान देने की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आसन को अनुमति देने की शक्ति है लेकिन शक्ति का इस्तेमाल न्यायोचित तरीके से होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी की छवि खराब करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा ऐसा किया जा रहा है।

खडगे ने आक्रोशित शब्दों में कहा कि भले ही उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाए लेकिन इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘ मैं सीट खाली करने को तैयार हूं लेकिन हम ऐसी बातें बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ इस पर संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदस्य इस प्रकार से आसन को धमकी नहीं दें। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने एक मुद्दा उठाया है सरकार उसका जवाब दे रही है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि सरकार द्वारा बार बार जवाब दिए जाने में विपक्ष को क्या आपत्ति है। अध्यक्ष ने घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहा कि जिस दिन संबंधित मंत्री ने इस संबंध में बयान दिया था उस दिन हंगामे के कारण वह पूरे तथ्य सदन में नहीं रख पायी थीं।

हालांकि सुमित्रा महाजन ने कहा कि मंत्री ने कुछ गलत शब्द भी बोले थे जिन्हें कार्यवाही से निकाला दिया गया और पूरे तथ्य रखने के लिए कल उन्हें मंत्री का पत्र मिला था इसलिए आज उन्हें बयान की अनुमति दी गयी।  

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