विहिप और बजरंग दल के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सीआईए के फैक्टबुक में एक 'राष्ट्रवादी संगठन' के तौर पर जगह दी गई है.
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नई दिल्ली: अमेरिकी की खुफिया एजेंसी सीआईए ने अपने फैक्टबुक में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल को 'धार्मिक उग्रवादी गुट' बताया है. इन दोनों समूहों को सीआईए ने अपने दस्तावेज में 'राजनीतिक दबाव समूह' वर्ग में रखा है. वहीं दूसरी ओर बजरंग दल ने आतंकी बताने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और कहा कि वह इसके लिए कानूनी विकल्प तलाश रही है.
विहिप और बजरंग दल के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सीआईए के फैक्टबुक में एक 'राष्ट्रवादी संगठन' के तौर पर जगह दी गई है. सीआईए ने कश्मीर के हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को 'अलगाववादी समूह' बताया है, जबकि जमीयत उलेमा-ए-हिंद को फैक्टबुक में 'धार्मिक संगठन' कहा गया है.
बजरंग दल ने वेब पोर्टल द प्रिंट से कहा कि हमारे लिए कानूनी रास्ते खुले हैं. बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक मनोज वर्मा ने कहा, 'कुछ दिन पहले ये हमारी जानकारी में आया. हम विशेषज्ञों से संपर्क कर रहे हैं और फैक्टबुक के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं.'
दक्षिणपंथी संगठन के नेताओं ने दावा किया कि उनलोगों ने धार्मिक कट्टरता जैसा कोई काम नहीं किया है और वे सिर्फ राष्ट्रवादी व सांस्कृतिक संगठन हैं. बजरंग दल के नेता ने कहा, 'कोई खुफिया एजेंसी क्यों हमारे संगठन को आतंकी बता रही है. किसने उन्हें इसका अधिकार दिया? दूसरे देशों में हमारी शाखाएं हैं, इतना ही नहीं हमने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. हम राष्ट्रवादी हैं. हम देखेंगे कि इसे सही करने के लिए क्या किया जा सकता है.' इतना ही नहीं दक्षिणपंथी संगठनों ने इस बात पर भी आपत्ति जाहिर की है कि उन्हें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के साथ शामिल किया गया है, जिसे उन्होंने अपनी रिपोर्ट में अलगाववादी संगठन घोषित किया है.
'द वर्ल्ड फैक्टबुक' अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का एक वार्षिक प्रकाशन है, जिसमें दुनिया के 267 देशों के बारे में जानकारी होती है. इस फैक्सबुक में उन देशों के इतिहास, भूगोल, सरकार, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, संचार, परिवहन, सेना, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और राजनीतिक दलों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी जाती है.