केरल में बाढ़ के कारण हालात अभी भी खराब हैं. मरने वालों की संख्या 79 तक पहुंच गई है. ऐसे में भारतीय नेवी और सेना के जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं.
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तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली : केरल में भारी बारिश से बांध और नदियां उफान पर हैं. बाढ़ से गुरुवार को 12 और लोगों की मौत की पुष्टि के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 79 हो गई. शनिवार तक और बारिश होने की संभावना है. बीते 24 घंटों में मध्य केरल का पत्तनमतिट्टा जिला सर्वाधिक प्रभावित रहा. यहां छात्रों सहित हजारों की संख्या में लोग रानी, अरनमुला और कोझेनचेरी में अपने घरों में फंसे हैं. कोल्लम से नौका बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची और रक्षाकर्मियों की सहायता से बचाव अभियान जारी रहा.
ऐसे में इंडियन नेवी के जवान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अदम्य साहस का परिचय देते हुए बाढ़ में जूझती जिंदगियों को बचाने का काम कर रहे हैं. ऐसे में क्या बड़े और क्या बच्चे. इंडियन नेवी के जवान सभी को बचाने का काम बखूबी कर रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है. इसमें अलूवा में चेतक चॉपर के जरिए नेवी के जवान एक छोटे से बच्चे को रेस्क्यू करते हुए दिख रहे हैं.
Beautiful video! Kid rescued by an @IndianNavy Chetak chopper team in Aluva. #KeralaSOS pic.twitter.com/6xUOef73Wl
— Shiv Aroor (@ShivAroor) August 16, 2018
केरल के एर्नाकुलम और अंगामाले के बीच रेल संचालन बंद हैं. तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन पर टिकट जारी नहीं किए जा रहे हैं. सभी शैक्षणिक संस्थान गुरुवार को बंद हैं. राज्य की राजधानी में बारिश कम होने से स्थिति में गुरुवार को सुधार हुआ. निचले इलाकों में जलभराव भी कम हो रहा है. वहीं, गुरुवार को भी मल्लापुरम, कोझिकोड, पलक्कड़ और त्रिशूर में लोगों के मरने की खबर है.
Damn .. This is scary.. Just received this on WhatsApp .. Madikeri li agirodu ante#KeralaFloods pic.twitter.com/rpgHTiZQ2N
— GV (@puri_moote) August 16, 2018
एनार्कुलम और त्रिशूर के हिस्सों में इडुक्की जिलों से बांध का पानी पेरियार और इसीक सहायक नदियों तक पहुंचने से एनार्कुलम और त्रिशूर को जूझना पड़ रहा है. वहीं, शनिवार तक लगातार बारिश होने के पूवार्नुमान के कारण केरल में 33 बांधों के प्रवेश द्वार मंगलवार को खोल दिए गए. अधिकारी का कहना है कि लोकप्रिय पर्यटक स्थल मुन्नार में स्थिति खराब है. प्रशासन का कहना है कि अकेले वायनाड में 20,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को बुधवार को शनिवार तक के लिए बंद कर दिया गया क्योंकि पेरियार नदी का पानी परिचालन क्षेत्र तक आ गया है. input : IANS