दलाई लामा के दौरे पर भारत का चीन को दो-टूक, कहा- अंदरुनी मामलों में दखल ना दे
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दलाई लामा के दौरे पर भारत का चीन को दो-टूक, कहा- अंदरुनी मामलों में दखल ना दे

केद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा के भारत दौरे को राजानीतिक दौरा कहे जाने पर आपत्ति जताई है. भारत ने दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा पर चीन की आपत्ति पर कहा कि 'कृत्रिम विवाद’खड़ा करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनका दौरा राजनीतिक नहीं है.

दलाई लामा की भारत यात्रा धार्मिक है- किरण रिजीजू

नई दिल्ली: दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर उपजे विवाद के बीच भारत ने आज चीन से कहा कि वह उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे. भारत ने कहा कि वह ‘एक चीन’ नीति का सम्मान करता है और चीन से भी इसी तरह की उम्मीद रखता है.

दलाई लामा की यात्रा पूरी तरह धार्मिक

दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश दौरे पर वक्तव्य में गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने यहां कहा कि उनकी अरूणाचल यात्रा पूरी तरह धार्मिक है और इसका कोई राजनीतिक तात्पर्य नहीं निकाला जाना चाहिए.

अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘उनके अरूणाचल प्रदेश के दौरे के पीछे कोई सियासी कोण नहीं है. यह पूरी तरह धार्मिक है. अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन को उनके दौरे पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए और ना ही चीन को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देना चाहिए.’ रिजीजू ने कहा कि भारत ने कभी भी चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दिया और वह चीन से भी ऐसी ही उम्मीद रखता है.

उन्होंने कहा, ‘भारत ‘एक चीन नीति का सम्मान करता है . हम चीन से भी इसी तरह की उम्मीद करते हैं.’ दलाई लामा आज अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर जाने वाले हैं, इस दौरान त्वांग, बोदायल और अन्य क्षेत्रों में वह श्रद्धालुओं के साथ धार्मिक वार्तालाप करेंगे. इससे पहले, चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत को चेतावनी दी थी कि अरूणाचल प्रदेश, जिसे बीजिंग तिब्बत का हिस्सा बताता है, वहां दलाई लामा के दौरे से द्विपक्षीय संबंधों को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंचेगा.

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तनाव के बीच दलाई लामा का दौरा 

तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा का यह दौरा उस वक्त हो रहा है जब कई मुद्दों को लेकर भारत-चीन संबंधों में तनाव चल रहा है .
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरने, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के प्रयास को अवरूद्ध करने तथा जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के कदम को बीजिंग द्वारा रोकने को लेकर भारत-चीन संबंधों में तनाव आया है.

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चीन ने जताई थी आपत्ति

चीन ने यह भी कहा था कि दलाई लामा 1959 में ‘विफल सशस्त्र विद्रोह’ के बाद भागकर भारत गए और वह ‘अलगाववादी गतिविधि’ में शामिल रहे हैं. दलाई लामा के एक बयान के बारे में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने से कहा, ‘उनके बयान चीन विरोधी अलगाववादी उद्देश्य की पूर्ति करते हैं और वे तथ्यों से परे हैं.’

चीन अरूणाचल पर दावा करता है

चीन ने  कहा था कि भारत की ओर से तिब्बत के निर्वासित नेता को अरूणाचल यात्रा की अनुमति देने से द्विपक्षीय संबंधों को ‘गंभीर नुकसान’ होगा . चीन ने नई दिल्ली से ‘चुनने’ के लिए कहा था . एक महीने में दूसरी बार भारत को दी गई चेतावनी में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दलाई लामा को अरूणाचल यात्रा के लिए अनुमति देने के भारत के फैसले से वह गंभीर रूप से चिंतित है. गौरतलब है कि चीन अरूणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताकर उस पर दावा जताता रहा है .

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