2जी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे : रंजीत सिन्हा
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2जी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे : रंजीत सिन्हा

संकट में फंसे सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन करेंगे जिसमें उन्हें 2जी दूरसंचार घोटाले की जांच से अलग रहने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भेदिये के रूप में किसी अधिकारी का नाम लिया था।

2जी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे : रंजीत सिन्हा

नई दिल्ली : संकट में फंसे सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन करेंगे जिसमें उन्हें 2जी दूरसंचार घोटाले की जांच से अलग रहने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भेदिये के रूप में किसी अधिकारी का नाम लिया था।

सिन्हा ने कहा कि वह कोई पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे क्योंकि आदेश ऐसी पीठ ने दिया है जिसके प्रमुख प्रधान न्यायाधीश हैं। सिन्हा को आज शीर्ष अदालत की नाराजगी का सामना करना पड़ा और न्यायालय ने उन्हें 2जी घोटाले की जांच से दूर रहने का निर्देश दिया। सीबीआई में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संतोष रस्तोगी को संभावित ‘भेदिया’ बताए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है।

सिन्हा ने यहां एजेंसी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे नहीं मालूम कि आप किस बारे में बात कर रहे हैं लेकिन मैंने किसी अधिकारी का नाम भेदिया या किसी और के रूप में नहीं लिया है।’ उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उसी के आधार पर अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे क्योंकि सुनवाई अब भी जारी है।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक रंजीत सिन्हा को सेवानिवृत्ति से 12 दिन पहले आज उस समय जबर्दस्त झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने उन्हें 2जी स्पेक्ट्रम मामले से खुद को अलग रखने का निर्देश दिया। इससे पहले, न्यायालय ने कहा कि उनके खिलाफ कुछ अभियुक्तों को संरक्षण देने के बारे में लगाये आरोप ‘पहली नजर में विश्वसनीय’ लगते हैं।

एक अभूतपूर्व आदेश में शीर्ष अदालत ने 2जी मामले के जांच दल में सिन्हा के बाद दूसरे सबसे अधिक वरिष्ठ अधिकारी को यह प्रकरण सौंप दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मसले पर विस्तृत आदेश देने से इंकार करते हुये कहा कि इससे इस प्रमुख जांच एजेन्सी की ‘प्रतिष्ठा और छवि’ ‘खराब’ होगी।

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