मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी पर दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा : संसद रही बाधित
Advertisement

मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी पर दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा : संसद रही बाधित

 हंगामे और शोरशराबे के कारण लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों को एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.  

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही. हंगामे और शोरशराबे के कारण लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों को एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.  दोनों ही सदनों में प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया. कांग्रेस के सदस्यों ने दोनों ही सदनों में आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मनमोहन के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए माफी मांगने को कहा. हंगामे के बीच ही लोकसभा में सरकार की ओर आम बजट से जुड़ी अनुदान की पूरक मांगों तथा चार विधेयकों को पेश किया गया.

  1. दोनों सदनों को एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया
  2. कांग्रेस के सदस्यों ने दोनों ही सदनों में आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की 
  3. लोकसभा में सरकार की ओर आम बजट से जुड़ी अनुदान की पूरक मांगों तथा चार विधेयकों को पेश किया गया

दोनों ही सदनों में गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों के रूझान का असर देखने को मिला. भाजपा सदस्य विशेषकर गुजरात से आए पार्टी के सदस्य एक दूसरे को बधाई देते दिखे. लोकसभा में कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्ष दलों के सदस्य सदन की कार्यवाही शुरू होने के समय से ही प्रधानमंत्री मोदी की कथित टिप्पणी का मुद्दा उठा रहे रहे थे. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थगन के नोटिस को अस्वीकार करते हुए कहा कि इस विषय को अन्य अवसरों पर उठाया जा सकता है.

वाम दलों के सदस्य भी कुछ बोलते हुए दिखे लेकिन हंगामे के कारण उनकी बातें सुनी नहीं जा सकीं. प्रश्नकाल शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने ओखी तूफान में मारे गए लोगों के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, नाइजीरिया, मिस्र एवं अन्य देशों में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी . उन्होंने मेक्सिको एवं ईरान में भूंकप में मारे गये लोगों के प्रति भी सदन की ओर से शोक व्यक्त किया .

इसके बाद प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दल मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अपनी बात रखने की मांग करने लगे . उधर भाजपा सदस्य गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश चुनाव में भाजपा के जीत की ओर बढ़ने के रूझान को लेकर नारेबाजी करने लगे . शोर शराबा बढ़ता देख अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी .

दोपहर बारह बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा देखने को मिला. अध्यक्ष ने सदस्यों को अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया . लेकिन अपनी मांग नहीं माने जाने को लेकर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे . हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आम बजट से जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगें पेश कीं.

इसके अलावा मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, श्रम मंत्री संतोष कुमार ने उपदान संदाय (संशोधन) विधेयक, स्वास्थ्य मंत्री ने जे पी नड्डा ने दंत चिकित्सा (संशोधन) विधेयक तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने भारतीय वन (संशोधन) विधेयक पेश किया. शोर शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने 12 बजकर 20 मिनट पर सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी .

उधर, राज्यसभा में भी कांग्रेस सदस्यों ने इस मुद्दे पर भारी हंगामा किया. सुबह बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की. प्रधानमंत्री से माफी की मांग करते हुए सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप लगाये गये हैं जो इस सदन के सदस्य हैं. प्रधानमंत्री को सदन में आ कर स्पष्टीकरण देना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मोदी का नाम लिए बिना कहा ‘‘आप क्या वोट की खातिर कोई भी आरोप लगा देंगे...आपको आरोप साबित करना चाहिए.’’ कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत सदन का कामकाज स्थगित करने के लिए नोटिस दिया है.

पूर्व प्रधानमंत्री पर लगाए गए आरोपों को गंभीर बताते हुए आजाद ने मांग की कि सदन की भावना को देखते हुए इस मुद्दे पर सदन में एक प्रस्ताव पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि सभापति ने इन नोटिसों को अस्वीकार कर दिया है.

इस पर विपक्षी सदस्यों ने गहरी नाराजगी जाहिर की. आजाद ने कहा,‘‘विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता. अगर हम यहां जनता से जुड़े मुद्दे नहीं उठा सकते तो हमारे यहां आने का मतलब ही क्या है ?’’ उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने आजाद की बात का समर्थन किया और आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे. हंगामे की वजह से उप सभापति पी जे कुरियन ने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा. आनंद शर्मा ने एक बार फिर मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी का मुद्दा उठाने का प्रयास किया और मांग की कि प्रधानमंत्री को सदन में आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सदन के सदस्य के विशेषाधिकार से जुड़ा मामला है.  सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी और कहा कि यह समय प्रश्नकाल का है. नायडू ने कहा कि नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस पर उन्होंने गौर किया तथा उसे खारिज कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से कहा कि उन्हें उपयुक्त नोटिस देना चाहिए. लेकिन सदन में कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा. नायडू ने हंगामे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पूरा देश हमें और सदन को देख रहा है. ऐसा आचरण शोभा नहीं देता तथा इससे गलत संदेश जाएगा.

इसके बाद उन्होंने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.

(इनपुट-भाषा)

Trending news