विश्व पर्यावरण दिवस : इन उपायों से करें पर्यावरण संरक्षण
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विश्व पर्यावरण दिवस : इन उपायों से करें पर्यावरण संरक्षण

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है। इस अवसर पर पूरे विश्व में जागरूकता अभियानों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम चलाई जाती है जिससे स्वच्छ वातावरण में मनुष्य और जीव-जंतु खुलकर सांस ले सकें। 3 जून को फरीदाबाद प्रशासन ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी।

विश्व पर्यावरण दिवस : इन उपायों से करें पर्यावरण संरक्षण

फरीदाबाद : 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है। इस अवसर पर पूरे विश्व में जागरूकता अभियानों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम चलाई जाती है जिससे स्वच्छ वातावरण में मनुष्य और जीव-जंतु खुलकर सांस ले सकें। 3 जून को फरीदाबाद प्रशासन ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी।

फरीदाबाद उपायुक्त डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि हमें हर दिन को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने की ज़रूरत है तभी हम अपने अस्तित्व की रक्षा कर पाएंगे। अक्सर हम बहुत ही आसानी से अपनी ज़िम्मेदारी दूसरों पर डाल देते है, हमें इस प्रवृत्ति से बचना चाहिए। रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम वायु प्रदूषण के स्तर में आश्चर्यजनक रुप से कमी ला सकते हैं।

उन्होंने बताया कि-कम दूरी तय करने के लिए पैदल चलें या साईकिल का प्रयोग करें। कार पूल करें या सार्वजनिक वाहन प्रणाली का प्रयोग करें।

-अपने घर, फ्लैट या सोसाइटी में हर साल एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करके उसे एक पूर्ण वृक्ष बनाएं ताकि वह विषैली गैसों को सोखने में मदद कर सके।

-अपने भवन में चाहे व्यक्तिगत हो या सरकारी कार्यालय हो, वर्षा जल संचयन प्रणाली तकनीक प्रयोग में लाएं।

-बिजली के उपकरण जैसे पंखा, ट्यूब लाइट, कूलर, एसी, कंप्यूटर आदि को उपयोग के तुरंत बाद स्विच ऑफ़ कर दें।

-वायुमंडल में कार्बन की मात्रा कम करने के लिए सोलर पावर तथा स्वच्छ ईंधन का प्रयोग करें।

-पानी का प्रयोग करने के बाद नल को तुरंत बंद कर दें। कपड़े धोने के बाद साबुन वाले पानी से फर्श की सफाई करें और तीन आर- रिसाइकल, रियूज़ और रिड्यूस का हमेशा ध्यान रखें।

शहर उपायुक्त के अलावा अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने कहा कि कूड़ा करकट, सूखे पत्ते और अपशिष्ट न जलाएं।

-डिस्पोज़ेबल वस्तुओं जैसे प्लास्टिक गिलास, पानी की छोटी-छोटी बोतल और प्लेट के प्रयोग से परहेज़ करें।

-फसलों के अवशेष न जलाएं। इससे पृथ्वी के अंदर रहने वाले जीव मर जाते हैं और वायु प्रदूणष स्तर में वृद्धि होती है।

-छात्र उत्तरपुस्तिका, रजिस्टर या कॉपी के खाली पन्नों को व्यर्थ न फेकें बल्कि उन्हें रफ कार्य में उपयोग करें।

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