वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर देगी जोर
Advertisement

वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर देगी जोर

वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को मंगलवार की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा है.

सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को वाईएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव लाने पर जोर देगी लेकिन संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर होने का कोई संकेत नजर नहीं आ रहा. वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को मंगलवार की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा है. टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है. पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया. 

  1. अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन जरूरी
  2. वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा में हैं केवल 9 सदस्य
  3. वाईएसआर कांग्रेस ने मांगा अन्य दलों के नेताओं से समर्थन

विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि मंगलवार को व्यवस्था बन पाएगी. बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही.

यह भी पढ़ें- वाईएसआर कांग्रेस की बागी सांसद कोथापल्ली गीता ने दिए नई पार्टी बनाने के संकेत

केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इंकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. मुद्दे पर भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही टीडीपी ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लायी. दोनों पार्टियां अपने- अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं.

अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए. सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकार कर लिये जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा. 

इनपुट भाषा से भी 

Trending news