ZEE जानकारी: क्या कभी पूरी तरह सुरक्षित हो पाएगा इंटरनेट यूजर्स का डाटा?
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ZEE जानकारी: क्या कभी पूरी तरह सुरक्षित हो पाएगा इंटरनेट यूजर्स का डाटा?

फेसबुक आपके Living Room में कैमरा लगाना चाहता है. फेसबुक की ये हिम्मत पूरी दुनिया को हैरान कर रही है. पहले ही दुनिया के करोड़ों लोगों का डेटा लीक करने के बाद फेसबुक के इस कदम को दुस्साहस कहा जा रहा है.

ZEE जानकारी: क्या कभी पूरी तरह सुरक्षित हो पाएगा इंटरनेट यूजर्स का डाटा?

अगर आप Google Plus, Gmail या फेसबुक की सेवाओं का उपयोग करते हैं. तो हमारे पास आपके लिए 2 महत्वपूर्ण जानकारियां हैं. पहली ये कि Google Plus का इस्तेमाल करने वाले 5 लाख लोगों का Data लीक हुआ था, लेकिन Google ने ये बात 3 साल तक आपसे छुपाकर रखी. और दूसरी जानकारी ये है कि फेसबुक आपके Living Room में कैमरा लगाना चाहता है. फेसबुक की ये हिम्मत पूरी दुनिया को हैरान कर रही है. पहले ही दुनिया के करोड़ों लोगों का डेटा लीक करने के बाद फेसबुक के इस कदम को दुस्साहस कहा जा रहा है. भारत में लोगों को मुफ़्त का माल और मुफ़्त की सेवाएं बहुत अच्छी लगती हैं. लेकिन सच ये है कि कुछ भी मुफ़्त नहीं होता. 

क्या आपने कभी Google Plus अपना Account बनाया है? हो सकता है कि आपमें से बहुत से लोगों ने Google Plus का नाम ना सुना ह. ऐसे लोगों को हम बता दें कि Google Plus, फेसबुक की तरह ही एक सोशल नेटवर्क है. लेकिन अब गूगल अपने इस सोशल नेटवर्किंग Platform को बंद कर रहा है. और इसकी वजह बहुत खतरनाक है. क्योंकि अब Facebook के बाद Google Plus पर भी Data लीक के आरोप लगे हैं. 

सबसे पहले आपको इस पूरी ख़बर की जानकारी होनी चाहिए, इसके बाद ही आप इस मुद्दे की गंभीरता को समझेंगे.  गूगल अपने Social Network, Google Plus को अगले वर्ष अगस्त में बंद कर देगा. और इसकी वजह बना है गूगल का Data लीक. 

पिछले 3 वर्षों से गूगल के सिस्टम में एक Bug था, जिसकी वजह से 5 लाख Users का Data लीक हुआ. जो Data लीक हुआ उसमें Users के नाम, E-mail Addresses, Birth Dates, Profile Photos, और उनके व्यवसाय का Data शामिल था. 

कंपनी का कहना है कि उसने इस वर्ष मार्च के महीने में इस Bug को ठीक भी कर दिया था. और उसे इसका भी कोई सबूत नहीं मिला कि जो Data लीक हुआ, उसका कोई गलत इस्तेमाल किया गया है. 

लेकिन इससे गूगल पर बहुत से सवाल खड़े होते हैं. पहला सवाल ये है कि जब 2015 में Data लीक हुआ था, तो गूगल को उसकी जानकारी होने में इतना समय कैसे लग गया? इसके अलावा सवाल ये भी है कि जब मार्च 2018 में गूगल ने इस Bug को ठीक भी कर लिया था, तो फिर उसने अपने Users को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी? 

जब गूगल ने Google Plus को बंद करने की घोषणा की, तो Data Leak की ये बात निकलकर सामने आई. 

अब ये समझते हैं कि गूगल ने ऐसा क्यों किया? गूगल के अधिकारियों को ये डर था कि Data लीक की जानकारी सार्वजनिक करने से उन पर तुरंत कार्रवाई हो सकती है. और इसके अलावा उनकी तुलना फेसबुक के Data लीक से की जा सकती है. 

अब आगे गूगल पर बड़ी संख्या में कानूनी केस हो सकते हैं. इसके अलावा गूगल पर यूरोप में भी कार्रवाई हो सकती है. Europe के General Data Protection Regulation के मुताबिक अगर कोई Data लीक होता है, तो कंपनी को 72 घंटों के अंदर इसकी जानकारी देनी होगी. और अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूरी दुनिया के Revenue का अधिकतम 2% हिस्सा जुर्माने के तौर पर देना पड़ सकता है. 

फेसबुक को चुनौती देने के लिए गूगल प्लस 2011 में लॉन्च हुआ था, लेकिन ये गूगल की सबसे बड़ी असफलताओं में से एक रहा. आज पूरी दुनिया में फेसबुक के 210 करोड़ Users हैं, जबकि 2016 में Google Plus के 44 करोड़ Users थे. 

गूगल प्लस के 90% Users इस सोशल नेटवर्क पर एक Session में औसतन 5 सेकेंड से भी कम समय बिताते हैं. जबकि Facebook पर Users एक Session में 6 मिनट 23 सेकेंड का समय बिताते हैं और रोज़ाना औसतन एक घंटे का वक्त बिताते हैं. 
 
जब दुनिया में पहली बार Internet से Connected Smart Speakers आए और लोगों ने उन्हें खरीदा, तो पूरी दुनिया में ये चिंता जताई गई कि अगर हर वक्त उनका Audio इंटरनेट पर जाता रहेगा, तो Privacy का क्या होगा? इसे लेकर दुनिया भर में अभियान भी चले. 

लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई इलाज नहीं है. इसे तमाम कंपनियों की नैतिकता पर छोड़ दिया गया था. और इसका दूसरा पक्ष ये है कि भारत जैसे देशों में लोगों को इससे कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि लोग अपनी Privacy को लेकर जागरूक ही नहीं हैं. इस समस्या का इलाज तो नहीं हुआ, लेकिन ये समस्या Upgrade ज़रूर हो गई है. 

क्योंकि Facebook ने एक ऐसा कैमरे वाला Device बनाया है, जो सीधे आपके living room में रहेगा. इस Device का नाम  Portal और Portal Plus है. इससे आप वीडियो कॉल कर सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं और कोई वीडियो इस पर देख सकते हैं. 

इस Device को लेकर भी ये बहस हो रही है कि क्या अपने living room में Facebook का कैमरे वाला Device रखना ठीक होगा? हालांकि फेसबुक का कहना है कि वो अपने Users की Privacy का सम्मान करता है. और इसमें ये फीचर भी दिया गया है कि जब आप इस Device का इस्तेमाल न कर रहे हों तो, उसके कैमरे को एक कवर से Block कर सकते हैं. 

लेकिन फेसबुक के पिछले कर्मों को देखते हुए इस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है. पूरी दुनिया में ऐसे Devices को शक की नज़र से देखा जा रहा है. हो सकता है कि इन Devices से आपको भविष्य की तकनीक इस्तेमाल करने का एहसास मिले. हो सकता है कि आपको ये लगे कि इनसे आपका घर और जीवन हाईटेक हो गया है, लेकिन इसके लिए आप क्या कीमत चुका रहे हैं, इसका एहसास अभी किसी को नहीं है. क्योंकि दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं होता है. अंग्रेज़ी की एक मशहूर कहावत है - If You are not paying for a product, then you are the product. यानी अगर आप मुफ़्त में किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे बनाने वाली कंपनी आपका इस्तेमाल कर रही है, और आप खुद उसके लिए एक प्रोडक्ट हैं

आपमें से बहुत से लोग मुफ्त में app Download कर लेते हैं. लेकिन ये ख़तरनाक है.  एक रिसर्च के मुताबिक Free Apps से User की Location Track करने की संभावना 401% बढ़ जाती है.  Free Apps से User के Contact List तक पहुंच की संभावना 314% बढ़ जाती है. 

आपको इस बात की भी जानकारी नहीं होगी कि 76% Websites के पास Hidden Google trackers होते हैं और 24% के पास Hidden Facebook trackers होते हैं. जिसकी वजह से इन दो कंपनियों के पास Users का कई तरह का Data होता है, जिसमें आपकी खरीदारी, Internet Searches, Browsing और Location History जैसी जानकारियां शामिल होती हैं. 

इससे वो आपके संवेदनशील Data को विज्ञापनों के लिए उपलब्ध कर देते हैं. और फिर ये विज्ञापन आपको पूरे Internet पर Follow करते हैं. 

पूरी दुनिया में Digital Advertising में इन दोनों कंपनियों की 63% हिस्सेदारी है. 

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