ZEE जानकारी: क्या चुनाव जीतने के बाद समर्थक देश विरोधी नारे लगा सकते है?
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ZEE जानकारी: क्या चुनाव जीतने के बाद समर्थक देश विरोधी नारे लगा सकते है?

ये बहुत बड़ा विरोधाभास है कि पहले भारत के संविधान और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत कोई व्यक्ति सांसद, विधायक या पार्षद बन जाए और बाद में उसी के समर्थक भारत विरोधी नारे लगाएं. भारत के टुकड़े करने की बात करें और पाकिस्तान की जय-जयकार करें . 

ZEE जानकारी: क्या चुनाव जीतने के बाद समर्थक देश विरोधी नारे लगा सकते है?

मैं आज दिनांक 15 मार्च 2018 को दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर अररिया थाने पर स्वयं का स्वलिखित बयान दर्ज करता हूं कि आज दिनांक 15 मार्च 2018 को मेरे सरकारी मोबाइल पर एक Viral Video आया . इस Video को देखने के बाद पाया गया कि कुछ अज्ञात युवक 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' और 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' का नारा लगाते हुए नज़र आ रहे हैं . उस Video को देखने और Video में आई जगहों का सत्यापन किया गया तो पाया गया कि ये जगह नव निर्वाचित सांसद सरफराज आलम के घर के सामने उत्तर की तरफ है . 

इस FIR में थाना प्रभारी ने जो कहा उस पर गौर कीजिए . पुलिस ने प्राथमिक तौर पर इसकी पुष्टि की है कि ये Video RJD के सांसद सरफराज आलम के घर के पास का है . इससे ये पता चलता है कि जैसे ही अररिया में चुनाव लड़ रहे BJP के प्रत्याशी ने RJD के प्रत्याशी सरफराज आलम को जीत की बधाई दी, वैसे ही सरफराज आलम के घर के पास 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' और 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगे . यहां एक बार फिर ये बताना ज़रूरी है कि Zee News इस Video की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है . लेकिन अगर ये Video सही है तो ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है . 

इस FIR में आगे कुछ और महत्वपूर्ण बातें लिखी हुई हैं . FIR में लिखा गया है कि Viral Video की तस्वीर में मौजूद लोगों की स्थानीय ग्रामीणों से पहचान कराई गई तो  पहचान, आदिब रज़ा उर्फ़ सुमी, सुलतान आज़मी और शहज़ाद के रूप में हुई . आश्चर्य की बात ये है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे और पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाने का एक आरोपी आदिब रज़ा, वार्ड पार्षद नवाब रज़ा का बेटा है . हमारे संवाददाताओं ने हमें ये भी बताया कि ये युवक RJD के सांसद सरफराज आलम के समर्थक हैं . ये बहुत बड़ा विरोधाभास है कि पहले भारत के संविधान और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत कोई व्यक्ति सांसद, विधायक या पार्षद बन जाए और बाद में उसी के समर्थक भारत विरोधी नारे लगाएं. भारत के टुकड़े करने की बात करें और पाकिस्तान की जय-जयकार करें . 

अब आप अंदाज़ा लगाइये कि जब ये व्यक्ति संसद में पहुंचेगा तो क्या इसकी निष्ठा भारत के प्रति होगी. जब वो संसद में आएंगे तो उन्हें कानून बनाने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर वोट देने के अधिकार मिलेंगे ऐसे में क्या वो उन अधिकारों का इस्तेमाल धर्मनिरपेक्ष तरीके से कर पाएंगे? और वो कौन सी मानसिकता है जो ये कहती है कि अगर कोई हिंदू उम्मीदवार हार गया तो वो भारत की हार है. और अगर कोई मुस्लिम उम्मीदवार जीत गया तो वो पाकिस्तान की जीत है. क्या ये देश को धर्म के आधार पर तोड़ने वाली मानसिकता नहीं है ?

अररिया एक मुस्लिम बाहुल्य इलाक़ा है. और यहां की 44% आबादी मुस्लिम है. और कई राजनेता इसका इस्तेमाल अपनी राजनीति को चमकाने के लिए करते हैं. हमारे देश में राजनीति का ध्रुवीकरण हो चुका है. हिंदुओं की अलग पार्टियां बन गई हैं. मुसलमानों की अलग पार्टियां हैं. सिखों की अलग पार्टियां हैं

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