ZEE जानकारीः मेडिकल साइंस के मुताबिक डायबिटीज को जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता
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ZEE जानकारीः मेडिकल साइंस के मुताबिक डायबिटीज को जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता

इस बीमारी की एक वजह ये भी है कि हमारे देश के लोग सेहत के प्रति बहुत लापरवाह हैं.

ZEE जानकारीः मेडिकल साइंस के मुताबिक डायबिटीज को जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता

आज World Diabetes Day है . वर्तमान मेडिकल साइंस के मुताबिक डायबिटीज को जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता लेकिन सही जानकारी हो, तो इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है . हमारे देश के लोग Diabetes को बहुत हल्के में लेते हैं . उन्हें इस बात का अंदाज़ा ही नहीं है कि ये बीमारी, ज़िंदगी पर कितनी भारी पड़ सकती है . 

आपको जानकर हैरानी होगी कि 14 नवबंर 2014 को जब हमने DNA में इस बीमारी का विश्लेषण किया था तब भारत में डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या करीब साढ़े 6 करोड़ थी. और आज ये संख्या साढ़े 7 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है . यानी पिछले 4 वर्षों में डायबिटीज के एक करोड़ मरीज़ बढ़ गये हैं . वैसे ये World Health Organization का आकंड़ा है... जबकि कुछ दूसरे Surveys के मुताबिक भारत में डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या 11 करोड़ से ज़्यादा है. 

डायबिटीज़ के रोगियों के लिए नियमित रूप से Walk करना बहुत ज़रूरी है एक अनुमान के मुताबिक लगातार 20 मिनट तक brisk walk करने से Sugar Level को 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है लेकिन प्रदूषण की वजह से सेहत पर लगे कर्फ्यू ने.... डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ा दिया है. देश के तमाम शहरों में हवा इतनी प्रदूषित है कि डॉक्टर लोगों को Morning और Evening Walk ना करने की सलाह दे रहे हैं. एक रिसर्च के मुताबिक लगातार प्रदूषण में रहने से Type 2 डायबिटीज़ का ख़तरा 46 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.

इस बीमारी की एक वजह ये भी है कि हमारे देश के लोग सेहत के प्रति बहुत लापरवाह हैं . उनका अपनी दिनचर्या और खानपान पर कोई ध्यान नहीं है . भारत में हर 12 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज़ का शिकार है. इनमें से 80 प्रतिशत मरीज़ ऐसे होते हैं जिनका, अपने Sugar Level पर कोई नियंत्रण नहीं रहता . दुनिया भर में डायबिटीज़ के करीब 21 करोड़ मरीज़ ऐसे हैं जिन्हें ये पता ही नहीं है कि उन्हें डायबिटीज़ हो चुकी है. भारत में भी 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि वो डायबिटीज के मरीज़ हैं . डायबिटीज़ की वजह से देश में हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है . और ये बीमारी बहुत महंगी पड़ रही है. 

पूरे भारत में डायबिटीज़ और उससे जुड़ी बीमारियों के इलाज में हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं . इस हिसाब से एक मरीज़ पर औसतन 30 हज़ार रूपये का बोझ पड़ता है . अगर आप अपनी दिनचर्या और खाने-पीने की आदतों को सुधार लें . अपने वज़न को नियंत्रण में रखें और हर रोज़ व्यायाम करें तो इस बीमारी से बच सकते हैं . डायबिटीज़ के बढ़ते ख़तरे को देखकर दुनिया के कई देश, अपने नागरिकों को Workout करने के लिए तरह तरह के Offers दे रहे हैं . दुबई में एक किलो वज़न कम करने पर 500 Dirham यानी करीब 10 हज़ार रुपये का ईनाम दिया जा रहा है. हमारे देश के लोगों को जागरूक करने के लिए भी ऐसे अभियानों की ज़रूरत है.

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