ZEE जानकारीः क्या WhatsApp भारत के कानूनों का पालन कर रहा है ?
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ZEE जानकारीः क्या WhatsApp भारत के कानूनों का पालन कर रहा है ?

WhatsApp की Monitoring कौन करता है ? भारत में WhatsApp के सर्वर और उसका कोई दफ़्तर क्यों नहीं है ? 

ZEE जानकारीः क्या WhatsApp भारत के कानूनों का पालन कर रहा है ?

हर देश की एक सीमारेखा होती है . अगर कोई भी अवैध तरीके से उस सीमारेखा को पार करता है तो उसे घुसपैठ कहा जाता है . इस घुसपैठ को रोकने के लिए लाखों सैनिक बॉर्डर पर तैनात किए जाते हैं और पूरी दुनिया में इसकी रक्षा के लिए ना जाने कितने युद्ध होते हैं. लेकिन अपने देश और समाज की Digital सीमाओं की रक्षा को हम कभी गंभीरता से नहीं लेते. कई विदेशी कंपनियां अब इसी बात का फायदा उठा रही हैं और आज इस पर सवाल उठाना ज़रूरी है. हमें लगता है कि अगर कोई कंपनी, किसी देश की डिजिटल सीमाओं को तोड़ती है तो उसे भी घुसपैठ ही मानना चाहिए, क्योंकि इससे देश के करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं.

अब ज़रा कुछ सवालों पर गौर कीजिए क्या WhatsApp भारत के कानूनों का पालन कर रहा है ? WhatsApp की Monitoring कौन करता है ? भारत में WhatsApp के सर्वर और उसका कोई दफ़्तर क्यों नहीं है ? किसी शिकायत का निपटारा करने के लिए इस कंपनी का कोई अफसर भारत में क्यों नही बैठता? ये सिर्फ सवाल नहीं हैं, ये WhatsApp की सबसे बड़ी मुसीबत है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने WhatsApp और भारत सरकार को नोटिस भेजकर ऐसे ही कई मुश्किल सवाल पूछे हैं. सच ये है कि WhatsApp सारी मर्यादाओं को तोड़कर हमारे समाज और सिस्टम में घुसपैठ कर चुका है. ये कंपनी सिर्फ Message भेजने का ज़रिया नहीं है. इसके ज़रिए Fake News फैलाई जा रही है, नफरत फैलाई जा रही है, एजेंडा चलाया जा रहा है, और कोई कुछ नहीं कर पा रहा.

भारत में 20 करोड़ लोग WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं . आप सभी के Smart Phones में भी WhatsApp ज़रूर होगा लेकिन शायद आपको ये नहीं पता है कि WhatsApp बिना इजाज़त लिए Payment Service के क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है . 

WhatsApp भारत के Payment Market से मुनाफा कमाने की योजना बना रहा है . भारत में 20 हज़ार करोड़ Dollars का Payment market है जो वर्ष 2023 तक बढकर 1 लाख करोड़ Dollars का हो जाएगा . WhatsApp अब किसी दूसरे User को Payment करने की सुविधा भी देने के तैयारी कर रहा है . WhatsApp के 20 करोड़ Users में से 10 लाख लोग WhatsApp की इस Payment सुविधा की Testing कर रहे हैं . अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर भारत सरकार के 4 मंत्रालयों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है . 

एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि WhatsApp की Payment Service को तब तक रोक दिया जाए जब तक कि वो भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों का पालन नहीं करता. याचिका में कहा गया है कि WhatsApp, RBI द्वारा निर्धारित KYC यानी Know Your Customer के नियम का पालन नहीं करता. इसलिए उसे Payment Service का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए . सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में WhatsApp के अलावा कानून मंत्रालय, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और Telecom Regulatory Authority of India को नोटिस भेजकर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है . 

याचिका के मुताबिक WhatsApp, Telecom मंत्रालय के अंतर्गत Over theTop Service के रूप में काम कर रही है. और वो सिर्फ़ एक Telecom Service Provider है . जबकि उसके असर का दायरा बहुत बड़ा है. याचिका में ये भी कहा गया कि जितनी तेज़ी से Social Media Platforms के Users बढ़ रहे हैं उतनी ही तेज़ी से Internet Crime भी बढ़ रहा है . 

ऐसा क्यों है कि भारत के लिए WhatsApp के नियम अलग हैं और दूसरे देशों के लिए उसके नियम अलग हैं . WhatsApp, अमेरिका, यूरोप और चीन के साथ तो बहुत विनम्रता से पेश आता है लेकिन भारत के सामने वो खुद को माफिया की तरह पेश करता है . जो बाज़ार से Smuggling करके सारे फायदे उठाना चाहता है लेकिन देश के नियमों का सम्मान नहीं करता .अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान Facebook के Users की Data चोरी के मामले में मार्क ज़ुकरबर्ग को अमेरिका की सीनेट में पेश होना पड़ा था . गोपनीयता के ही मामले में यूरोपियन यूनियन में मार्ग जुकरबर्ग की पेशी हुई थी . लेकिन भारत में Data चोरी आज भी शायद जनता के लिए कोई मुद्दा ही नहीं है . और यही वजह है कि Social Media कंपनियां भारत से खूब मुनाफा कमा रही हैं लेकिन वो नियमों और कानूनों के प्रति गंभीर नहीं हैं . 

यूरोप में मई से General Data Protection Regulation Law लागू हो चुका है . इस कानून के मुताबिक Data लेने वाली कंपनी को पहले Users को सारी जानकारी देनी होती है . कंपनी को अपना नाम, पता, Email Address बताना होता है . अगर किसी Third Party को Data दिया जाता है तो इसके बारे में User को बताना होता है . अगर कोई Social Media Company इस कानून का उल्लंघन करती है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है . उस पर उसके Global Turnover के 4 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है . लेकिन भारत में अब तक ऐसा कोई सख्त कानून नहीं है . 

यूरोप की एक अदालत ने WhatsApp से ये सवाल भी पूछा कि वो ये परिभाषित करे कि वो सिर्फ Message भेजने वाली Application है या फिर Content को Share करना वाला Platform है . सितंबर 2017 से चीन में WhatsApp पर पूरी तरह से प्रतिबंध है . Search Engine, Google पर भी चीन में प्रतिबंध है .Google चीन में अपना बाज़ार बनाने के लिए चीन को तरह-तरह के Offers दे रहा है . ये कंपनी चीन की सरकार से ये प्रार्थना कर रही है कि वो अपनी सेवाओं में पूरी पारदर्शिता रखेंगे, साथ ही कंपनी की जवाबदेही भी होगी . Google चीन के लिए एक censored search engine बनाने की तैयारी कर रहा है . जिसमें चीन द्वारा प्रतिबंधित Websites अपने आप Filter हो जाएंगी . 

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