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नई दिल्ली : अन्ना आंदोलन के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के होने की बात सामने आने पर अन्ना हजारे भले ही इससे किनारा करने की कोशिश करते हैं लेकिन नए खुलासे के मुताबिक अन्ना हजारे संघ के बेहद सम्मानित प्रचारक और भाजपा नेता नानाजी देशमुख के काफी करीब रहे हैं।
एक अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक स्वयं सेवी संगठनों के एक संगठन में नानाजी देशमुख अध्यक्ष की भूमिका में थे, तो महासचिव का पद अन्ना हजारे के हाथ में था। यही नहीं, नानाजी देशमुख के ग्रामोदय प्रयोग स्थल गोंडा और चित्रकूट में भी अन्ना ने नानाजी के साथ कई दिन गुजारे थे। यहीं से उन्होंने ग्रामीण विकास का ककहरा सीखा था।
अखबार कहता है कि ग्राम विकास के क्षेत्र में कार्यरत तमाम स्वैच्छिक संगठनों ने मिलकर "ग्राम विश्व"संस्था बनाई थी। जिसके अध्यक्ष नानाजी देशमुख और मंत्री अण्णा हजारे थे। संस्था की एक महत्वपूर्ण बैठक तकरीबन 28 साल पहले 1983 में स्थानीय गांधी पार्क स्थित दीनदयाल शोध संस्थान में हुई थी। जिसमें अन्ना हजारे सहित देश भर से आए डेढ़ दर्जन सदस्यों ने भाग लिया था।
संघ प्रवक्ता राम माधव ने इस खबर पर कहा कि अन्ना और नानाजी का मकसद एक (ग्राम्य विकास) ही था ऐसे में ये दोनों कहीं मिल गए तो इसका मतलब यह नहीं कि अन्ना संघ से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। वहीं टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा है अन्ना का संघ से कोई लेना देना नहीं है और वो आरएसएस के ऐजेंट नहीं हैं। (एजेंसी)