किंगफिशर एयरलाइंस का उड़ान लाइसेंस निलंबित, बुकिंग बंद
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किंगफिशर एयरलाइंस का उड़ान लाइसेंस निलंबित, बुकिंग बंद

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शनिवार को ऋण संकट में फंसी निजी विमानन कम्पनी किंगफिशर का लाइसेंस निरस्त कर दिया। डीजीसीए का यह फैसला अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।

नई दिल्ली : लंबे समय से तंगी से गुजर रही निजी क्षेत्र की किंगफिशर एयरलाइंस नौ साल की उड़ान के बाद शनिवार को आखिर जमीन पर आ गई। विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने सुरक्षा चिंताओं के चलते एयरलाइंस का उड़ान लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने किंगफिशर एयरलाइंस का अनुसूचित संचालक परमिट निलंबित कर दिया। कंपनी की तरफ से वित्तीय और परिचालन क्षेत्र में सुधार के बारे में कोई उचित योजना नहीं सौंपे जाने के बाद यह कदम उठाया गया।
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘डीजीसीए ने सुरक्षा कारणों के चलते किंगफिशर एयरलाइंस का उड़ान लाइसेंस रद्द किया है।’ उन्होंने बताया कि इंजीनियरों के हड़ताल पर होने की वजह से एयरलाइंस के विमानों का रखरखाव और जरुरी मरम्मत कार्य नहीं हो रहा था। ‘‘सुरक्षा के साथ काई समझौता नहीं किया जा सकता।’ एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, ‘एयरलाइन ने डीजीसीए के पांच अक्तूबर को जारी कारण बताओ नोटिस और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में उठाये गये किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं किया। इसलिए विमानन नियामक ने उसका उड़ान लाइसेंस निलंबित कर दिया।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘जब तक किंगफिशर एयरलाइंस डीजीसीए की संतुष्टि के अनुसार सुरक्षित, भरोसेमंद, सक्षम और निरंतर हवाई परिवहन सेवायें देने के लिये कोई ठोस पुनरोत्थान योजना नहीं सौंपती है, तब तक निलंबन जारी रहेगा।’ उड़ान लाइसेंस का निलंबन होने का मतलब कंपनी की सभी उड़ाने सेवाओं का तुरंत प्रभाव से बंद होना है। इसके साथ ही एयरलाइंस की टिकट बुकिंग नेटवर्क भी बंद हो गया है।
किंगफिशर एयरलाइंस को 26 अगस्त 2003 को उड़ान लाइसेंस जारी किया गया था। वास्तव में यह लाइसेंस एयर डेक्कन को जारी किया गया था जिसे बाद में शराब कारोबारी विजय माल्या प्रवर्तित किंगफिशर एयरलाइंस ने खरीद लिया। लाइसेंस की वैधता इस साल 31 दिसंबर तक थी। किंगफिशर एयरलाइंस 8,000 करोड़ रुपये के घाटे में और 7,524 करोड़ रुपये के कर्ज बोझ तले दबी है। कर्ज की वापसी पिछले कई महीनों से नहीं हो रही है। एक साल पहले कंपनी के जहां 66 विमान उड़ान भर रहे थे वहीं इस समय उसके पास मात्र 10 ही संचालन योग्य विमान रह गये हैं।
विमानन कंपनी के इंजीनियर गत 29 सितंबर से हड़ताल पर हैं। कंपनी के मौजूदा संकट का यह बड़ा कारण है। इसकी वजह से कंपनी ने एक अक्तूबर को तालाबंद घोषित कर दी थी। शुरुआत में यह कुछ दिन के लिये थी जिसे बाद में 20 अक्तूबर तक और फिर 23 अक्तूबर तक किया गया। इससे पहले की तालाबंदी समाप्त होती और उड़ानें शुरु होती डीजीसीए ने कंपनी का उड़ान लाइसेंस ही निलंबित कर दिया।
उड़ानें फिर शुरू करने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘वह किसी भी समय ऐसा कर सकते हैं, लेकिन विमानन कंपनी तब तक ऐसा नहीं कर सकती जब तक कि वह डीजीसीए के समक्ष व्यावहारिक पुनरोत्थान योजना पेश नहीं करती है। उन्हें सुरक्षित संचालन कार्य की ठोस योजना पेश करनी होगी।’ उधर, रविवार को मुंबई में कंपनी के कर्मचारी वेतन और अन्य मुद्दों को लेकर प्रबंधन से मुलाकात करेंगे। (एजेंसी)

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