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भुवनेश्वर/नई दिल्ली : भूमि अधिग्रहण में देरी तथा स्थानीय लोगों के विरोध के मद्देनजर कोरियाई इस्पात कंपनी पोस्को ने कर्नाटक में 30,000 करोड़ रुपये अपनी प्रस्तावित इस्पात परियोजना आज रद्द कर दी। पोस्को इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक योंग वोन यून ने एक बयान में कहा है, बाजार की परिस्थितियों तथा गादाग में जरूरी भूमि अधिग्रहण में देरी के मद्देनजर हमने कर्नाटक में इस्पात कारखाने के अपने प्रस्ताव को खत्म करने का फैसला किया है। यून ने इसके साथ ही कहा है कि अगर भविष्य में राज्य से कोई आकषर्क कारोबारी प्रस्ताव मिलता है तो कंपनी यहां लौटने पर विचार कर सकती है।
पोस्को ने इस्पात कारखाना लगाने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर जून 2010 में किए थे। इसके लिए उसने गादाग जिले में मुंदरगई तहसील को चुना था जो कि बेल्लारी की लौह अयस्क पट्टी के पास है। पोस्को का कहना है कि लेकिन कुछ किसानों व धार्मिक नेताओं के विरोध के चलते जुलाई 2011 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया रोक दी गई। इसके अलावा राज्य में खनन घोटाले ने परियोजना की प्रगति को रोक दिया।
वहीं गादाग जिले के लिए राज्य सरकार के प्रभारी मंत्री एच के पाटिल ने इस घटना्रकम पर कहा है कि क्षेत्र के लोगों को पोस्को के हटने से खुशी होगी। उन्होंने कहा, किसान पोस्को को इस क्षेत्र में अनुमति देने के खिलाफ लड़ाई लड रहे थे। चूंकि पोस्को इस क्षेत्र में आने के लिए दबाव नहीं दे रही है। क्षेत्र के लोग खुश होंगे। कोरियाई कंपनी ने हालांकि ओड़िशा में 12 अरब डालर की इस्पात परियोजना पर काम जारी रखने का फैसला किया है। यह परियोजना भी 2006 से प्रस्तावित है। (एजेंसी)