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मैक्सिको सिटी : विश्व के अग्रणी देशों ने अमेरिका और यूरोप को अपने राजकोषीय चुनौतियों से तेजी से निपटने को कहा है, क्योंकि इससे वैश्विक आर्थिक वृद्धि को खतरा है। विकसित और उभरते देशों के संगठन समूह-20 (जी-20) के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के अधिकारियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, वित्तीय बाजार में अनिश्चितता को कम करने और रोजगार सृजन के लिए ‘सभी आवश्यक कदम’ उठाने की प्रतिबद्धता जताई।
दो दिवसीय बैठक यूरो क्षेत्र के ऋण संकट और अमेरिका के उपर मंडराते ‘राजकोषीय क्लिफ’ पर केंद्रित है। राजकोषीय क्लिफ खचरें में कटौती और करों में वृद्धि से जुड़ा है। यदि इसे जनवरी से लागू किया गया तो वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर प्रभावित होगी। समूह ने अंतिम रूप से जारी विज्ञप्ति में कहा कि वैश्विक वृद्धि अब भी धीमी है और इसमें कमी आने के खतरे अभी भी मौजूद हैं। बयान में ‘यूरोप में हाल ही में घोषित किए गए नीतियों को लागू करने में संभावित देरी’ और ‘अमेरिका में राजकोषीय कड़ाई’ बात कही गई है।
इसके अलावा वित्तमंत्रियों ने जापान की राजकोषीय समस्याओं और उभरते देशों में वृद्धि दर में आ रही गिरावट और कुछ जिंस बाजारों में ‘अतिरिक्त आपूर्ति के झटकों’ पर भी चिंता जताई। जी-20 के अधिकारियों ने मंगलवार को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीतने वाले से समझौते पर पहुंचने के लिए संसद के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। (एजेंसी)