अंशुमान के आरोपों से भाजपा में हड़कंप
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अंशुमान के आरोपों से भाजपा में हड़कंप

राज्य सभा की सदस्यता के लिए अपना नामांकन वापस लेने वाले एनआरआई कारोबारी अंशुमान मिश्र ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को 2जी घोटाले में आरोपित कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से उस वक्त मिलवाया था जब समिति 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच कर रही थी।

नई दिल्ली : प्रवासी भारतीय कारोबारी अंशुमान मिश्रा की भले ही झारखण्ड से राज्यसभा पहुंचने की उम्मीदों को झटका लगा हो लेकिन इसकी खींझ उतारने में उन्होंने तनिक भी देरी नहीं की।

 

उन्होंने शनिवार को कुछ न्यूज चैनलों से बातचीत में यह खींझ भाजपा और उसके वरिष्ठ नेताओं पर उतारी, जिससे खलबली मच गई। कांग्रेस ने इसे गम्भीर मामला बताया है। अंशुमान ने लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी पर तो गम्भीर आरोप लगाए।

 

मिश्रा ने आरोप लगाया है कि जोशी ने 2जी घोटाला मामले में आरोपी स्वॉन टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा सहित अन्य आरोपियों से मुलाकात की। अंशुमान को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी का करीबी माना जाता है। उल्लेखनीय है कि गडकरी से करीबी की बदौलत ही अंशुमान उत्तर प्रदेश के हालिया सम्पन्न विधानसभा चुनाव में अपने भाई राजीव मिश्रा को टिकट दिलाने में सफल रहे थे।

 

एक समाचार चैनल से बातचीत में मिश्रा ने कहा कि जोशी ने उनकी उपस्थिति में 2जी घोटाला मामले में संलिप्त कम्पनियों के अधिकारियों से मुलाकात की। मिश्रा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पर भी आरोप लगाया कि वह उन्हें अपने लिए खतरा मानते हैं। उन्होंने कहा, 'राज्यसभा की मेरी उम्मीदवार को लेकर भाजपा के कुछ नेता असहमत थे। जेटली ने हालांकि, राज्यसभा के लिए मेरा नाम तय होने पर मुझे बधाई दी थी लेकिन वह मुझे खतरा मानते हैं।' मिश्रा ने कहा, 'जोशी से उनकी कोई लड़ाई नहीं है। वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और मैं उन्हें अपना अभिभावक मानता हूं।'

 

ज्ञात हो कि राज्यसभा के लिए झारखण्ड से पर्चा भरने वाले प्रवासी भारतीय कारोबारी अंशुमान ने भाजपा द्वारा उनका समर्थन न करने का फैसला किए जाने के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इस बीच, अंशुमान ने आरोप लगाया कि पीएसी के अध्यक्ष जोशी और उनकी एक महिला मित्र ने उनसे 2जी घोटाले में संलिप्त कम्पनी के अधिकारियों के साथ बैठकों की व्यवस्था कराने के लिए कहा था। मिश्रा के मुताबिक पीएसी जब 2जी घोटाले की जांच कर रही थी, उस वक्त जोशी ने कम्पनियों के अधिकारियों से उन्हें मिलाने के लिए बंदोबस्त करने के लिए कहा था।

 

भाजपा ने मिश्रा द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि ये आरोप संसदीय समिति की छवि खराब करने के प्रयास हैं। मिश्रा के आरोपों को जोशी ने खारिज किया है। उन्होंने कहा, 'मिश्रा ये आरोप आज क्यों लगा रहे हैं। मैंने कभी किसी औद्योगिक घरानों से पैसे की मांग नहीं की। मैं जनता के पैसों से चुनाव लड़ता हूं। मिश्रा टिकट न मिलने की वजह से मनगढंत आरोप लगा रहे हैं।' राज्यसभा में पहुंचने की अपनी मंशाओं पर पानी फेरे जाने पर मिश्रा इसके पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा एवं शांता कुमार पर निशाना साध चुके हैं। (एजेंसी)

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