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नई दिल्ली : मुम्बई पर 26 नवम्बर 2008 को हमला करने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान से दिशा निर्देश दे रहे और अब भारत की गिरफ्त में आए अबू हमजा ने आतंकवाद का पहला पाठ उस समय सीखा था जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद असलम उर्फ असलम कश्मीरी ने नेपाल में 2004 में उसके लिए हथियार प्रशिक्षण की व्यवस्था की।
30 वर्षीय हमजा ने जांच कर रहे अधिकारियों को बताया कि उसे राजौरी, जम्मू कश्मीर के हसप्लोते निवासी असलम कश्मीरी ने ‘जेहाद’ का पाठ पढ़ाया था। गृह मंत्रालय को सौंपी गई पूछताछ रिपोर्ट के अनुसार अबू हमजा उर्फ जबीउद्दीन ने कहा कि पुंछ क्षेत्र के जरिए सीमा पार कराने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात के चार युवक 2004 में असलम कश्मीरी को सौंपे गए थे लेकिन सेना ने उन्हें मार गिराया जिससे कश्मीरी की भूमिका को लेकर संदेह पैदा हो गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि असलम कश्मीरी ने जबीउद्दीन और फैयाज कगाजी से फिर संपर्क किया और उनसे हथियार प्रशिक्षण के लिए अपने साथ चलने को कहा, लेकिन चार युवकों के मारे जाने की घटना से यह संदेह पैदा हो गया था कि हो सकता है असलम कश्मीरी सेना के लिए काम कर रहा हो।
जबीउद्दीन ने जांचकर्ताओं को बताया कि इस पर असलम ने अपने बारे में यह साबित करने के लिए कि वह आतंकी समूह के लिए ही काम करता है, उनकी बात फोन पर पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकियों से कराई। इसके बाद बीड़, महाराष्ट्र निवासी जबीउद्दीन चार लोगों के साथ नेपाल रवाना हुआ जहां उन्हें हथियार चलाने एवं आईईडी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि अपनी वापसी के बाद जबीउद्दीन ने और अधिक युवकों की विचारधारा को बदलने का काम शुरू कर दिया, ताकि आतंकी नेटवर्क का विस्तार किया जा सके। 19 फरवरी 2006 को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट की जांच के दौरान पता चला कि वह आतंकी गतिविधियों में लिप्त है। (एजेंसी)