नक्सली हिंसा पर मुंडा को लगाई फटकार
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नक्सली हिंसा पर मुंडा को लगाई फटकार

भाजपा शासित झारखंड के नक्सल विरोधी अभियान में निष्प्रभावी होने से नाराज केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है।

नई दिल्ली : भाजपा शासित झारखंड के नक्सल विरोधी अभियान में निष्प्रभावी होने से नाराज केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने राज्य सरकार को लताड़ते हुए कहा कि माओवादी हिंसा में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद उसने नक्सलियों से निपटने के कोई गंभीर प्रयास नहीं किए। राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को लिखे पत्र में चिदंबरम ने कहा कि झारखंड 2011 में नक्सल हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा। उन्होंने मुंडा से कहा कि वह नक्सलियों के खिलाफ सक्रिय अभियान के लिए पुलिस महकमे में नेतृत्व को प्रेरित करें।

 

झारखंड नक्सल हिंसा से प्रभावित एकमात्र राज्य है, जहां 2011 में हथियार छीने जाने की सबसे अधिक घटनाएं हुईं। सूत्र के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि भाकपा-माओवादी के शीर्ष नेता प्रशांतो बोस उर्फ किशनदा और मिसिर बेसरा राज्य में काफी सक्रिय हैं। चिदंबरम ने मुंडा से कहा कि माओवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी जन अदालतों की संख्या में वृद्धि के कारण हैं। 2011 में झारखंड में 53 जन अदालतें हुई’ जबकि 2010 में ऐसी अदालतों का आंकडा 25 था। चिदंबरम ने कहा कि इन जन अदालतों के जरिए नक्सली जनता के बीच आतंक पैदा करते हैं क्योंकि इन अदालतों में नक्सलियों के फतवे की अवहेलना करने वालों को सार्वजनिक रूप से दंडित किया जाता है।

 

उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि इन अदालतों में भारी संख्या में गांव वालों की शिरकत से हालात और खराब हुए हैं। इन अदालतों में पंचायत समिति के सदस्यों का चयन भी किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि राज्य मशीनरी ने लगता है कि जन अदालतों को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए। झारखंड में आम लोगों को पुलिस का मुखबिर बताकर मार दिया जाता है । 2011 में ऐसे 35 कथित पुलिस भेदियों को नक्सलियों ने मार दिया। (एजेंसी)

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