नोटिस का जवाब देने के लिए मेरे पास फुर्सत नहीं: जेठमलानी
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नोटिस का जवाब देने के लिए मेरे पास फुर्सत नहीं: जेठमलानी

राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब देने के लिए मेरे पास कतई समय नहीं है। अपने कार्य में व्‍यस्‍त होने के चलते इस नोटिस का जवाब देने के लिए मेरे पास बिल्‍कुल फुर्सत नहीं है।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब देने के लिए मेरे पास कतई समय नहीं है। अपने कार्य में व्‍यस्‍त होने के चलते इस नोटिस का जवाब देने के लिए मेरे पास बिल्‍कुल फुर्सत नहीं है। गौर हो कि पार्टी की ओर से दिए गए नोटिस में उनसे इस बाबत जवाब तलब किया गया है कि उनकी अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से निकाल दिया जाए। भाजपा ने नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 10 दिन का वक्त दिया है।
जेठमलानी ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि मुझे दिसंबर के अंत का समय मिलता है तो तभी मैं इस नोटिस का जवाब दे पाऊंगा। दस दिनों के भीतर इसका जवाब देना संभव नहीं है क्‍योंकि मेरे पास फुर्सत ही नहीं है। वहीं, भले ही जेठमलानी के पास नोटिस का जवाब देने के लिए समय न हो, मगर उन्होंने एक लंबा पत्र भाजपा को जरूर लिखा है। गडकरी को लिखे इस पत्र में उन्होंने पार्टी के अन्य बड़े नेताओं अरुण जेटली और सुषमा स्वराज पर निशाना साधा है।
अपने पत्र में जेठमलानी ने लिखा है कि पार्टी को बर्बादी की राह पर बढ़ाने के लिए गडकरी जिम्मेदार हैं। सरकार द्वारा नए सीबीआइ डायरेक्टर की नियुक्ति पर सुषमा स्वराज और जेटली की आपत्ति को भी उन्होंने गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि नए सीबीआइ डायरेक्टर की नियुक्ति पर किया गया विवाद बेबुनियाद और गलत है। गौरतलब है कि सोमवार को भाजपा संसदीय बोर्ड ने तय किया है कि कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे पूछा जाए कि उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित क्यों नहीं किया जाए। इस नोटिस का जवाब देने के लिए जेठमलानी को दस दिन का समय दिया गया था।
इससे पहले भी, जेठमलानी ने नोटिस को लगभग खारिज करते हुए कहा कि वह वकालत के अपने पेशे में काफी व्यस्त हैं और ऐसे दस्तावेजों का जवाब देने की उनके पास फुर्सत नहीं है। जेठमलानी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि मैंने तो कारण बताओ नोटिस के बारे में सिर्फ सुना है। मैंने उस महान दस्तावेज को पढ़ा नहीं है जो मेरे पास आने वाला है। जब मुझे नोटिस मिलेगा और मैं उसे पढूंगा, उसके बाद ही मैं आपको बता पाउंगा कि मैं क्या कर सकता हूं। एक वकील के तौर पर मैं काफी व्यस्त हूं और 10 दिनों के अंदर इस तरह के दस्तावेज का जवाब देने का वक्त मेरे पास नहीं है। वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह भाजपा संसदीय बोर्ड की ओर से उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर देंगे। नोटिस में उनसे इस बाबत जवाब तलब किया गया है कि उनकी अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से निकाल दिया जाए। भाजपा ने नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 10 दिन का वक्त दिया है।

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