विदेशी निवेशकों को भाजपा की धमकी तानाशाही मानसिकता: कांग्रेस
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विदेशी निवेशकों को भाजपा की धमकी तानाशाही मानसिकता: कांग्रेस

भाजपा पर खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेशकों को धमकाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह भाजपा की तानाशाही मानसिकता है।

नई दिल्ली : भाजपा पर खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेशकों को धमकाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह भाजपा की तानाशाही मानसिकता है।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, भाजपा ने विदेशी निवेशकों को धमकाने के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वह निंदनीय, बहुत खेदजनक है। उन्होंने कहा, यह कहना लोकतांत्रिक व्यवस्था की भावना के विरुद्ध है कि हाल ही में होने वाले चुनावों के बाद राज्यों में सरकारें बदल जाएंगी और नयी सरकार एफडीआई पर केंद्र के फैसलों को निरस्त कर सकती है। यह उनकी तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। तिवारी ने कहा कि विपक्ष को सरकार के फैसलों पर असहमति जताने का अधिकार है लेकिन भाजपा को धमकाने का हक नहीं है।
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कल कहा था कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर फैसलों को लागू करने का निर्णय राज्यों द्वारा लिया जाना है। सिन्हा ने कहा था, राजस्थान और दिल्ली में चुनाव होंगे। वालमार्ट जैसी सक्षम कंपनी ने कहा था कि उसे भारत आने में 18 महीने लगेंगे। अगर सरकार बदल जाएगी तो क्या होगा? इस बात की क्या गारंटी है कि नयी सरकारें एफडीआई पर नीति को लागू रखेंगी। मुझे लगता है कि निवेशक इस बात को याद रखेंगे। तिवारी ने सिन्हा के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार को नीतियों पर फैसला करने का अधिकार होता है।
उन्होंने एफडीआई की वकालत करने के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी के बयान का भी जिक्र किया और इस संबंध में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के ब्लॉग की आलोचना की जिसमें उन्होंने लिखा है कि 2002 में शौरी ने एफडीआई का विरोध किया था। (एजेंसी)

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