वीके सिंह की टिप्पणी ‘अत्यंत गैरजिम्मेदाराना’ : आनंद शर्मा
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वीके सिंह की टिप्पणी ‘अत्यंत गैरजिम्मेदाराना’ : आनंद शर्मा

केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने पूर्व सैन्य प्रमुख वीके सिंह की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि उनका बयान ‘अत्यंत गैरजिम्मेदाराना’ है और उन्होंने अपने उच्च पद की गरिमा को चोट पहुंचाई है।

नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने पूर्व सैन्य प्रमुख वीके सिंह की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि उनका बयान ‘अत्यंत गैरजिम्मेदाराना’ है और उन्होंने अपने उच्च पद की गरिमा को चोट पहुंचाई है। सिंह ने कहा था कि सेना जम्मू-कश्मीर में मंत्रियों को धन देती रही है।
शर्मा ने कहा, ‘यह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर घटनाक्रम है। अवकाशग्रहण करने के तुरंत बाद एक पूर्व सैन्य प्रमुख देश में दलगत विमर्श का भाग बनने के लिए अधीर हो रहे हैं और ऐसे बयान दे रहे हैं, जो वास्तव में उस उच्च पद की गरिमा को चोट पहुंचा रहे हैं, जिसपर वह आसीन थे।’
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘भारतीय सेना के किसी प्रमुख से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह ऐसा कुछ कहे जो अत्यंत गैरजिम्मेदाराना हो और समग्र वातावरण को खराब करता हो।’ शर्मा ने यह बात तब कही जब उनसे सिंह के इस बयान के बारे में पूछा गया था कि आजादी के बाद से ही सेना ने जम्मू-कश्मीर में मंत्रियों को धन दिया है।
केन्द्रीय मंत्री ने पूर्व सेना प्रमुख की आलोचना करते हुए कहा, ‘पहले कभी (सेना के) किसी पूर्व प्रमुख ने इस तरह कार्य नहीं किया जिससे विवाद पैदा हुए हों, बयानों और आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हुआ हो। यह देश, उसकी सुरक्षा के हित में नहीं है खास तौर पर जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील राज्य के बारे में जो कहा गया है।’
सोमवार के सिंह के बयान पर सरकार और जम्मू-कश्मीर की सत्तारूढ़ पार्टियों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद पूर्व सेना प्रमुख ने कल नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया और कहा कि सेना की ओर से मंत्रियों को अदा किया गया धन कोई रिश्वत नहीं था।
पूर्व सेना प्रमुख ने सफाई दी, ‘मैंने कोई गलती नहीं की। जब मैंने कहा था कि कुछ राजनीतिज्ञों को धन दिया गया तो यह उनके निजी या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं था। यह उनकी जेब भरने या रिश्वत के लिए नहीं था। अगर कोई कहता है कि किसी मंत्री को रिश्वत दी गई तो वह पूरी तरह गलत है।’
सिंह ने कहा था, ‘यह पूरी तरह स्थिरता के लिए था, लोगों के दिलों और दिमागों को जीतने के लिए था, सद्भावना के समग्र अभियान के तले अलगाववादी गतिविधियों से लोगों को विमुख करने के लिए था।’ (एजेंसी)

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