हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिये से की थी मुलाकात, पर मैं बेकसूर: एस पी त्यागी
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हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिये से की थी मुलाकात, पर मैं बेकसूर: एस पी त्यागी

अतिविशिष्ट लोगों (वीवीआईपी) के लिए खरीदे जाने वाले हेलीकॉप्टर घोटाले में नाम सामने आने के बाद भारतीय वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल (रिटायर्ड) एस पी त्यागी ने आज कबूल किया कि उन्होंने एक कथित बिचौलिये से मुलाकात की थी। हालांकि, उन्होंने इस मामले में खुद के बेकसूर होने का दावा किया।

नई दिल्ली : अतिविशिष्ट लोगों (वीवीआईपी) के लिए खरीदे जाने वाले हेलीकॉप्टर घोटाले में नाम सामने आने के बाद भारतीय वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल (रिटायर्ड) एस पी त्यागी ने आज कबूल किया कि उन्होंने एक कथित बिचौलिये से मुलाकात की थी। हालांकि, उन्होंने इस मामले में खुद के बेकसूर होने का दावा किया।
त्यागी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने अपने एक रिश्तेदार के यहां कालरे से मुलाकात की थी लेकिन जब आप यह कहते हैं कि उससे मेरा संपर्क है तो इसका जवाब ‘नहीं’ में है । भला मेरा उससे कैसा लेना-देना हो सकता है ? मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मेरे रिटायर होने के बाद पूरी प्रक्रिया की शुरुआत हुई..जांच-पड़ताल, ट्रायल और अनुबंध वगैरह की समूची प्रक्रिया 2010 में हुई ।’’ पूर्व वायुसेना अध्यक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि इतालवी कंपनी ‘फिनमेकेनिका’ से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 3,600 रुपए के करार के एवज में उन्हें रिश्वत दी गयी थी । त्यागी ने कहा, ‘‘मैं बेकसूर हूं । ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं और मैं उन्हें सिरे से खारिज करता हूं । करार पर 2010 में दस्तखत किए गए जबकि मैं 2007 में ही रिटायर हो गया था।’’
हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़ी उन खबरों में त्यागी के तीन रिश्तेदारों- जूली, डॉक्सा और संदीप त्यागी के नाम सामने आए हैं जिनमें कहा गया कि करार तय कराने में इन तीनों की भी भूमिका रही थी । पूर्व वायुसेना अध्यक्ष ने इस बात से इनकार किया कि जूली, डॉक्सा या संदीप के साथ उनके रिश्तों का कोई कारोबारी पहलू भी है । त्यागी से जब यह सवाल किया गया कि ‘फिनमेकेनिका’ को फायदा दिलाने के लिए क्या उन्होंने अनुबंध की शर्तों में भी बदलाव किया, इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मेरे वायुसेना अध्यक्ष पद संभालने से कहीं पहले 2003 में ही वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के लिए स्टाफ क्वालिटेटिव जरूरतें खत्म कर दी गयी थीं और इसके बाद भारतीय वायुसेना ने किन्हीं शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया ।’’
खबरों में आज कहा गया कि इतालवी जांच अधिकारियों ने इटली की ही एक अदालत में सौंपी गयी अपनी शुरुआती रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि ‘फिनमेकेनिका’ ने उस वक्त एस पी त्यागी को रिश्वत दी जब वह भारतीय वायुसेना के प्रमुख थे । आरोप के मुताबिक, त्यागी को रिश्वत इसलिए दी गयी थी ताकि विवादित अगस्टावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा कंपनी के पक्ष में हो। इटली में कल फिनमेकेनिका के प्रमुख जी. ओरजी की गिरफ्तारी के बाद भारतीय रक्षा मंत्रालय ने आरोपों की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है। (एजेंसी)

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