‘कोर्ट के फैसले से पुलिस का रोल बेनकाब’
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‘कोर्ट के फैसले से पुलिस का रोल बेनकाब’

पिछले साल रामलीला मैदान में आधी रात की हिंसक घटना को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाबा रामदेव ने कहा कि इस फैसले से दिल्‍ली पुलिस की भूमिका को बेनकाब कर दिया है।

नई दिल्ली : पिछले साल रामलीला मैदान में आधी रात की हिंसक घटना को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाबा रामदेव ने कहा कि इस फैसले से दिल्‍ली पुलिस की भूमिका को बेनकाब कर दिया है। हालांकि योग गुरु ने कहा कि उन्हें अभी फैसले की प्रति प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए ज्‍यादा कुछ नहीं कहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाबा रामदेव ने संवाददाता सम्मेलन बुलाया था।

 

अदालत की उक्त टिप्पणी के बारे में बार बार किए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि अभी हमें फैसले की प्रति प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए इसे देखने के बाद कुछ कहना उचित होगा। इस घटना के लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार थी। योग गुरु ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर पुलिस ने किसके इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया। खुद पुलिस आयुक्त ने कहा था कि उन्हें इसी तरह का निर्देश मिला था, आखिर कौन था यह निर्देश देने वाला। इस हिंसक घटना के लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है।

 

रामदेव से जब पूछा गया कि उनकी भूमिका पर भी तो न्यायालय ने कहा है इस पर उन्होंने कहा कि हमने आधे घंटे तक लोगों को समझाया। हमने उन्‍हें बार-बार कहा कि कुछ भी हो जाए आप पुलिस पर हाथ न न छोड़ें। लोग शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए थे। लेकिन रात में सोए हुए लोगों पर कार्रवाई केंद्र सरकार के इशारे पर की गई।

 

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने बाबा रामदेव और सरकार को फटकार लगाते हुए अपने फैसले में रामलीला मैदान की घटना के लिए दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली पुलिस पर बरसते हुए योग गुरू ने कहा कि धारा 144 का इस्तेमाल शांति बनाए रखने के लिए होता है लेकिन इसका इस्तेमाल शांति भंग करने के लिए किया गया। मामले में रामदेव की तरफ से पैरवी करने वाले रामजेठमलानी ने कहा कि पुलिस ने जिस तेजी के साथ कार्रवाई की वहां पर उस तरह की कोई स्थिति ही नहीं थी। दिल्ली पुलिस से ज्यादा इसके लिए सरकार दोषी है। गृहमंत्री को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार कानून का उल्लंघन कर रही है। इससे पहले भी न्यायालय ने टूजी के 122 लाइसेंसों को रद्द करके प्रमाणित कर दिया कि सरकार नियमों का उल्लंघन करती है।

 

रामजेठमलानी ने कहा कि लोग तो मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र हुए थे। उनपर किसने अत्याचार शुरू किया। जब हमला शुरू हुआ उस वक्त पूरी भीड़ सो रही थी। जांच होनी चाहिए कि इस पूरे मामले में गृह मंत्री की क्या भूमिका थी। रामदेव पर अदालत की टिप्पणी के बारे में राम जेठमलानी ने भी फैसले की प्रति उपलब्ध होने तक इस पर कुछ नहीं कहने की बात कही। बाबा रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ वह अपनी जंग जारी रखेंगे और शीघ्र ही फिर से आंदोलन को तेज करेंगे। इस अवसर पर पुलिस कार्रवाई की शिकार राजबाला के परिजन भी मौजूद थे ओर उन्होंने इस घटना की जांच कराने की मांग की।

(एजेंसी)

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