हिंडाल्को को कोल ब्‍लॉक आवंटन को लेकर कोर्ट ने सीबीआई से मांगा स्‍पष्‍टीकरण
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हिंडाल्को को कोल ब्‍लॉक आवंटन को लेकर कोर्ट ने सीबीआई से मांगा स्‍पष्‍टीकरण

दिल्ली की एक विशेष सुनवाई अदालत ने सोमवार को सीबीआई से यह स्पष्ट करने को कहा कि उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाली कंपनी हिंडाल्को को कोयला प्रखंड के आवंटन में क्या ‘कानून के तहत नियमों का अनुपालन’ किया गया था।

नई दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष सुनवाई अदालत ने सोमवार को सीबीआई से यह स्पष्ट करने को कहा कि उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाली कंपनी हिंडाल्को को कोयला प्रखंड के आवंटन में क्या ‘कानून के तहत नियमों का अनुपालन’ किया गया था।

सीबीआई ने इस आवंटन के मामले में बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच बंद करने का फैसला किया है। जांच बंद करने के लिए सीबीआई की ओर से दाखिल रपट पर सुनवाई करते हुये विशेष अदालत ने जांच एजेंसी से पूछा कि हिंडाल्को को कोयला प्रखंड का आवंटन करने में कोई ‘भूल-चूक’ तो नहीं हुई थी।

विशेष न्यायाधीश भारत पराशर ने कहा कि आपको (सीबीआई) तीन चीजें साफ करनी हैं। प्रथम यह कि कायदे कानून का पालन किया गया या नहीं, दूसरी यह कि क्या इसमें कोई ‘भूल-चूक’ हुई। अगर ऐसा हुआ है तो क्या इसमें कोई आपराधिक मामला बनता है। सुनवाई के दौरान सीबीआई के जांच अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान हिंडाल्को के आवंटन में किसी आपराधिक कृत्य नहीं दिखा। जांच अधिकारी ने कहा कि कोयला आवंटन के मामलों के आवेदनों की जांच पड़ताल करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी ने शुरू में हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश नहीं की थी, लेकिन बाद में बिड़ला के आग्रह पर उसने अपने फैसले की समीक्षा करते हुये कहा था कि हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक दे दिया जाए।

इस पर न्यायाधीश का सवाल था कि क्या उनका आग्रह मानने के लिए यह तरीका अपनाना स्वीकार्य था। अदालत ने कहा कि हम यहां यह देखने के लिए नहीं हैं कि कोयला प्रखंडों का आवंटन ठीक से किया गया या नहीं। हमें देखना है कि इसमें कायदे कानून का पालन हुआ या नहीं। जब न्यायाधीश ने जांच अधिकारी से यह सवाल शुरू किये तो उसने कहा कि विशेष सरकारी वकील आरएस चीमा इस मुद्दे पर अदालत के सवालों का जवाब देंगे।

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