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मुंबई : डालर की तुलना में रुपये में सुधार के बीच रिजर्व बैंक ने बैंकिंग तंत्र में नकदी उपलब्धता बढ़ाने के लिये अपनी मुट्ठी आज कुछ और ढीली की है। इसके तहत केन्द्रीय बैंक ने बैंकों को तात्कालिक जरूरत को पूरा करने के लिये सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत दिए जाने वाले उधार पर ब्याज दर 0.5 प्रतिशत और कम कर दी है। इसे 9.5 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है।
रिजर्व बैंक ने यह कदम त्योहारी सीजन से पहले उठाया है और इससे प्रणाली में नकदी प्रवाह बढने की संभावना है जो बैंकों को ग्राहकों को और अधिक कर्ज देने को प्रोत्साहित कर सकता है। रिजर्व बैंक ने कहा, सीमांत स्थायी सुविधा की दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 9.5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है। यह कटौती तुरंत प्रभाव से लागू हो जायेगी। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि जुलाई के बाद से उसने जो विशेष उपाय किये थे उन्हें सोच विचार के साथ वापस लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुये और नकदी की ताजा स्थिति की समीक्षा के बाद एमएसएफ में कटौती का यह कदम उठाया गया।
रिजर्व बैंक की तरफ से एमएसएफ दर में दूसरी बार कटौती की गई है। बैंक ने इससे पहले 20 सितंबर को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करते हुये एमएसएफ दर को 10.25 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया था। रिजर्व बैंक ने डालर को मुकाबले रपये में आई गिरावट को देखते हुये गत जुलाई में एमएसएफ दर को एकदम 2 प्रतिशत बढ़ाकर 10.25 प्रतिशत कर दिया था। (एजेंसी)