रूस और चीन में हुए 10 मुद्दों पर समझौते
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रूस और चीन में हुए 10 मुद्दों पर समझौते

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान चीन और रूस ने रूसी परमाणु संयंत्र स्थापित, करने वाणिज्यिक विमानों और हेलीकॉप्टरों का विकास करने समेत ‘10 महत्वपूर्ण’ समझौतों पर हस्ताक्षर किया है।

बीजिंग : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान चीन और रूस ने रूसी परमाणु संयंत्र स्थापित, करने वाणिज्यिक विमानों और हेलीकॉप्टरों का विकास करने समेत ‘10 महत्वपूर्ण’ समझौतों पर हस्ताक्षर किया है।
अटकलों को विराम देते हुए कि रूस और चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के बढ़ते सैन्य प्रभाव के कारण आपसी संबंधों को बढ़ावा दे रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ ने कहा कि चीन-रूस के निकट संबंधों से दोनों देशों और दुनिया को भी लाभ होगा।
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के साथ कल रात लंबी बातचीत करने और कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद हू ने कहा कि रणनीतिक सहयोग के क्षेत्र में रूस चीन का महत्वपूर्ण सहयोगी है और दोनों देशों के बीच संबंधों का विकास स्वस्थ और सकारात्मक रहेगा।
पुतिन आज से शुरू हो रहे एससीओ के 12वें सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन आए हैं। इस संगठन में चीन और रूस के अलावा उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान भी हैं।
चीन ने इस संगठन को नाटो के समान सैन्य संगठन बनाने की कोशिशों को खारिज किया है। भारत, पाकिस्तान, ईरान और मंगोलिया इस संगठन (एससीओ) में पर्यवेक्षक देश हैं।
हू और पुतिन के बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने ‘10 महत्वपूर्ण’ व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किया है, जिसमें चार अरब डॉलर की निवेश निधि भी शामिल है। पुतिन ने कहा कि दोनों देश वाणिज्यिक विमानों और हेलीकॉप्टरों का विकास करने के क्षेत्र में अनुसंधान कर रहे हैं।
पुतिन ने इस व्यापारिक समझौतों को ‘महत्वपूर्ण’ कहा है। इसमें रूस चीन में दो परमाणु उर्जा संयंत्रों का निर्माण करेगा और विद्युत, पर्यटन तथा उर्जा के क्षेत्र में दोनों देश सहयोग को बढ़ावा देंगे।
इस दौरान कीमतों पर मतभेद को लेकर बंद हुई रूसी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के मामले में कोई बातचीत नहीं हुई। चीन के आठवें दौरे पर आए पुतिन ने कहा कि चीन न सिर्फ ‘अच्छा मित्र’ है बल्कि ‘विश्व मंच पर अच्छा साथी’ भी है।
पुतिन ने हू से कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध ‘नयी उंचाइयों’ पर पहुंच गए हैं, विशेष तौर पर दोनों देशों के बीच राजनीतिक विश्वास। पुतिन ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन से और ज्यादा सहयोग की अपील की है। इसमें विशेष तौर पर रक्षा क्षेत्र में सहयोग शामिल है।

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