‘सरकार कानून से इतर नियम नहीं बना सकती’
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‘सरकार कानून से इतर नियम नहीं बना सकती’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार किसी कानून के प्रावधानों से हटकर नियम नहीं बना सकती है और यदि वह ऐसा करती है तो ऐसे नियम असंवैधानिक ही होंगे।

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार किसी कानून के प्रावधानों से हटकर नियम नहीं बना सकती है और यदि वह ऐसा करती है तो ऐसे नियम असंवैधानिक ही होंगे। न्यायमूर्ति डा. बीएस चौहान और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने विदेशी मुद्रा अपीलीय न्यायाधिकरण में अंशकालिक सदस्यों की नियुक्ति के मामले में केन्द्र सरकार की याचिका खारिज करते हुए यह व्यवस्था दी। न्यायाधीशों ने इस मामले में उच्च न्यायालय की व्यवस्था को बरकरार रखा है।
न्यायालय ने कहा कि यदि कोई नियम ऐसा प्रावधान करता है जिसका अधिकार कानून में नहीं है तो ऐसा नियम असंवैधानिक हो जाता है। केंद्र सरकार ने इस अपील में दिल्ली उच्च न्यायालय के 2006 के निर्णय को चुनौती दी थी। उच्च न्यायलाय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून, 1999 के तहत विदेशी मुद्रा अपीलीय न्यायाधिकरण (अध्यक्ष और सदस्यों की भर्ती, वेतन, भत्ते तथा अन्य सेवा शर्तें) नियम 2000 के नियम पांच को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
इस नियम के तहत अपीलीय न्यायाधिकरण में अंशकालिक अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया था।
न्यायाधीशों ने कहा कि चूंकि मूल कानून में ही अंशकालिक सदस्यों का प्रावधान नहीं थ।, इसलिए सरकार को इसमें ऐसा कोई प्रावधान करने का अधिकार नहीं है। न्यायाधीशों ने कहा कि इस कानून की धारा 2 की व्याख्या करते हुए कहा कि इसमें अंशकालिक सदस्य नियुक्ति की अवधारणा ही नहीं है। इसलिए अंशकालिक सदस्य की नियुक्त् िकानूनी प्रावधान के विपरीत है।
इस कानून के तहत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की पात्रता रखने वाला व्यक्ति ही न्यायाधिकरण का अध्यक्ष होगा। इसी तरह जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति की योग्यता रखने वाले व्यक्ति को इसका सदस्य नियुक्त करने का प्रावधान कानून में था। लेकिन सरकार ने कानूनी प्रावधानों के विपरीत चुनिन्दा विधि अधिकारियों को न्यायाधिकरण का अंशकालिक सदस्य नियुक्त कर दिया था। (एजेंसी)

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